
जल संसाधन विभाग ,बिहार सरकार के मंत्री ने टूटान स्थल का निरीक्षण किया।
रवि कुमार
सीतामढ़ी :-विजय कुमार चौधरी मंत्री,जल संसाधन विभाग ,बिहार सरकार ने मंगलवार जल संसाधन विभाग के वरीय पदाधिकारियों, जिला प्रशासन के वरीय पदाधिकारियों एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ रुन्नीसैदपुर प्रखंड अन्तर्गत तिलकताजपुर, बलुआ पंचायत के खरुआ तटबंध तथा बेलसंड प्रखंड के मधकौल तटबंध के टूटान स्थल का निरीक्षण किया।इस दौरान स्थानीय सांसद, देवेश चंद्र ठाकुर, विधायक रुन्नीसैदपुर पंकज मिश्रा, विधान पार्षद रेखा कुमारी के साथ अन्य जनप्रतिनिधि गण उपस्थित थे। निरीक्षण के क्रम में मंत्री द्वारा स्थानीय बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात की गई। इस दौरान उन्होंने कहा कि बाढ़ से प्रभावित आबादी को हर संभव मदद की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन के द्वारा आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। पूरा प्रशासनिक तंत्र इसमें लगा हुआ है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का स्पष्ट निर्देश है कि राज्य की निधि पर बाढ़ पीड़ितों का पहला हक है। जिला प्रशासन द्वारा बाढ़ पीड़ितों को सभी आवश्यक मदद पहुंचाई जा रही है। स्वास्थ्य विभाग,
पीएचईडी,कृषि पशुपालन,विद्युत विभाग एवं अन्य सभी विभाग पूरी मुस्तैदी के साथ अपने दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं। मौके पर उपस्थित जिलाधिकारी रिची पांडेय के द्वारा अब तक किए गए कार्य की विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई गई।मंत्री ने कहा कि अचानक नदियों का जलस्तर बढ़ने के कारण उक्त स्थिति उत्पन्न हुई। कहा कि इस स्थिति से निपटने की दिशा में सरकार पूरी प्रतिबद्धता और संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रही है। इस संबंध में विभाग को तथा जिला प्रशासन से संबंधित सभी विभागों को निर्देशित किया गया है। उन्होंने कहा कि बाढ़ पीड़ितों के समस्याओं के समाधान के मद्देनजर सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।हमारी संवेदना उनके साथ है।
माननीय मंत्री ने कहा कि 27 से 29 सितंबर के बीच नेपाल में भारी बारिश के बाद नेपाल से आने वाली कोशी, गंडक, बागमती, महानंदा एवं अन्य नदियों में रिकॉर्ड मात्रा में जल प्रवाहित हुआ। कोशी बराज वीरपुर से 29 सितंबर के सुबह 6.61 लाख क्यूसेक जल प्रवाहित हुआ जो पिछले 56 वर्षों के दौरान सर्वाधिक रहा है। इससे विभिन्न नदियों के जलस्तर में काफी वृद्धि हुई और नदियों के तटबंध पर दबाव पड़ा। इस क्रम में सीतामढ़ी जिले के रुन्नीसैदपुर एवं बेलसंड प्रखंड में बागमती नदी का तटबंध टूटने के कारण उक्त स्थिति उत्पन्न हुई। मंत्री के साथ जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल, जिलाधिकारी,सीतामढ़ी रिची पांडेय, पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार तिवारी, बाढ़ नियंत्रण एवं जल निस्सरण के अभियंता प्रमुख,जल संसाधन विभाग के कई वरीय पदाधिकारी,एडीएम राजस्व संदीप कुमार के साथ जिला स्तरीय सभी वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे।
वहीं उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय गाद प्रबंधन नीति होनी चाहिए, इसके लिए बिहार सरकार ने केन्द्र सरकार को अपना मतंव्य भी दिया है। नदियों से गाद निकालने में काफी फायदा होगा।
माननीय मंत्री ने कहा कि बिहार में बाढ़ के प्रभाव को लगातार कम करना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सर्वोच्च प्राथमिकता में है। इसके लिए पिछले वर्षों में नदियों की तटंबधों के ऊँच्चीकरण, सुदृढ़ीकरण और उसके ऊपर से रोड बनाने सहित कई कार्य किए गए है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष के केंद्रीय बजट में पहली बार बिहार की बाढ़ के दीर्घकालिक समाधान के तहत ढ़ेंंग, तैयबपुर, अरेराज और डगमारा में बराज निर्माण की योजना बनायी जा रही है। इन चारों बराजों का निर्माण होने से बाढ़ का प्रभाव काफी कम हो जाएगा।
विजय कुमार चौधरी ने कहा कि बिहार की बाढ़ के स्थाई सामाधान के लिए नेपाल में हाई डैम का निर्माण जरूरी है। यह अर्तराष्ट्रीय मामला है, जिसके लिए केन्द्र सरकार के स्तर से प्रयास किये जा रहे है।