
अयोध्या के चर्चित संत महंत राजू दास ने मंगलवार की रात गोंडा में आयोजित एक सामाजिक कार्यक्रम के दौरान पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि “स्वामी प्रसाद मौर्य का जो हाल है, वह किसी का नहीं हो सकता। वे हर गली, हर कूचे और हर मोहल्ले में कूटे जाएंगे और पीटे जाएंगे।”
यह बयान गोंडा शहर के गोनार्द लॉन में उस समय आया जब युवा सोच संगठन के संस्थापक अनिल सिंह भदौरिया की बेटी के जन्मदिन पर 11 गरीब कन्याओं को गोद लेने का कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस मौके पर महंत राजू दास ने कई मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी।
सनातन संस्कृति पर जोर
महंत राजू दास ने कहा कि भारत की पहचान सनातन संस्कृति से है। उन्होंने कहा,
“सनातन धर्म पूरे विश्व को अपना परिवार मानता है। यह सिखाता है – धर्म की जय हो, अधर्म का नाश हो, प्राणियों में सद्भाव हो।”
उन्होंने कहा कि जो लोग सनातन पर टिप्पणी करते हैं, उन्हें मुंहतोड़ जवाब देना जरूरी है।
स्वामी प्रसाद मौर्य पर हमला
स्वामी प्रसाद मौर्य के हालिया बयानों को लेकर महंत ने कहा,
“स्वामी प्रसाद ही नहीं, ऐसे तमाम लोग हैं जो सनातन पर टिप्पणी करते हैं। उन्हें जवाब देना चाहिए। उनका हाल बुरा होने वाला है। समाज उन्हें हर जगह सबक सिखाएगा।”
राहुल गांधी पर तंज
महंत राजू दास ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा:
“राहुल गांधी खुद को ब्राह्मण बताते हैं लेकिन अभी तक अयोध्या के राम मंदिर नहीं आए। सनातन की बात आती है तो हिंदुओं पर टिप्पणी करते हैं, सनातनियों को तोड़ने का प्रयास करते हैं। राहुल गांधी शुद्ध रूप से कुर्सी के लिए फ्रस्ट्रेटेड हो चुके हैं। विश्वपटल पर भारत की बदनामी करने का उनका प्रयास शर्मनाक है।”
राजनीतिक और सामाजिक असर
महंत राजू दास का यह बयान राजनीतिक हलकों में हलचल मचा सकता है।
भाजपा खेमे में इसका समर्थन मिल सकता है क्योंकि हाल ही में सनातन धर्म को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य की टिप्पणी विवादों में रही थी।
विपक्ष की तरफ से प्रतिक्रिया आने की संभावना है क्योंकि यह बयान हिंसक शब्दों से भरा हुआ है।
सोशल मीडिया पर यह बयान तेजी से वायरल हो रहा है और इसे लेकर बहस छिड़ सकती है।
स्वामी प्रसाद मौर्य समय-समय पर सनातन धर्म और धार्मिक प्रथाओं पर टिप्पणी करते रहे हैं।
पिछले साल भी उन्होंने मनुस्मृति और धार्मिक ग्रंथों को लेकर बयान देकर विवाद खड़ा किया था।
महंत राजू दास राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े हुए प्रमुख संतों में गिने जाते हैं।