
++++++++++++++++++++++ वंदेभारतलाइवटीव न्युज, गुरूवार 28/8/2025-: कल बुधवार 27 अगस्त से श्री गणेश अवतरण दिवस गणेशोत्सव के रूप में आरंभ हो चुका है। देश भर में बड़े ही धूमधाम से भक्तिमय वातावरण में गणेशोत्सव मनाया जा रहा है । गाव हो या फिर शहर की गलियां हर जगह गणपति बप्पा के जयकारे सुनाई पड़ने लगे है। गणपति बप्पा देवों में प्रथम पूज्य देव है। आईये आज हम छत्तीसगढ की पावन भूमि को नमन करते हुए यहां के गणेश मंदिरों के बारे में जानते हैं। श्रद्धालु अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए इन गणेश मंदिर में आते हैं। छत्तीसगढ का प्राचीन और दुर्लभ मंदिरों मे से एक है बेमेतरा का सिद्धि विनायक श्री शमी गणेश मंदिर। जानकारी के अनुसार यह शमी गणेश मंदिर 706 ईस्वी पूर्व में स्थापित किया गया था। जानकारी अनुसार इसे देश का पहला अष्टकोणीय गणेश मंदिर भी माना जाता है। मंदिर में मौजूद अष्टकोणीय कुएं तथा शिलालेख भी इसका प्रमाण प्रस्तुत करते हैं। यह प्राचीन सिद्ध विनायक शमी गणेश मंदिर बेमेतरा मे रायपुर से करीब 69 किमी• की दूरी पर है। यहां पर ठहरने के लिए होटल, धर्मशाला, लॉज भी हैं। यहां जाने के लिए भाठागांव बस स्टैंड से बेमेतरा के लिए बस सविधा है। यात्रीगण अपने स्वयं के साधन से भी पहुंच सकते है। छत्तीसगढ के दंतेवाड़ा जिले में ढोलकल पहाड़ी पर 11वीं शताब्दी का गणेश प्रतिमा विराजमान है। लगभग साढ़े तीन फीट ऊंचाई वाली यह प्रतिमा काले ग्रेनाइट पत्थर से बनी हुई है। मान्यतानुसार यहीं पर परशुराम जी और गणेश जी के बीच युद्ध भी हुआ था जिससे गणेश जी का एक दांत टूटा हुआ था। इसे फरसपाल के नामा से जाना जाता है। ढोकल गणेश मंदिर रायपुर से करीब 358 किमी• की दूरी पर है। यहां पहुंचने के लिए बस और ट्रेन दोनों सेवाएं हैं। यहां पर जाने के लिए रायपुर धमतरी कांकेर कोंडागांव जगदलपुर दंतेवाड़ा बारसूर फरसपाल ढोलकल बस सेवा है। यहां ठहरने के लिए जगदलपुर और दंतेवाड़ा मे लॉज और हॉटल व्यवस्था है।
बस्तर जिले के देवनगरी बारसर में एकाशम गणेश मंदिर जो कि 11वीं -12वीं शताब्दि का है। जानकारी अनुसार इस मंदिर को छिंदक नागवंशी राजा के द्वारा बनाया गया था। यहां पर विश्व की तीसरी सबसे बड़ी पहली जुड़वां गणेश जी मूर्ति है। देश विदेश लोग यहां इस अद्भुत मूर्ति का दर्शन करने आते हैं। एकाशम गणेश मंदिर रायपुर से करीब 282 किमी• दूर है। यहां जाने के लिए रायपुर धमतरी कांकेर कोंडागांव जगदलपुर के रास्ते पहुंच सकते हैं। यहां जाने के लिए बस एवं ट्रेन दोनो सुविधाएं हैं। यहां जगदलपुर में ठहरने के लिए लॉज होटल आदि है।
छत्तीसगढ के बालोद जिले के मरारपारा गांव में भूमिफोड़ गणपति जी का मंदिर है। यहां की गणेश प्रतिमा लगभग सौ साल पुरानी है। जानकारी अनुसार यहां की गणेश प्रतिमा की लंबाई समय के साथ साथ लगातार बढ़ रही है। यहां भक्तजन संतान प्राप्ति की मनोकामना लेकर पहुंचते हैं। भूमिफोड़ गणेश मंदिर रायपुर से करीब 123 किमी• की दूरी पर है। यहां पहुंचने के लिए बस ट्रेन दोनो ही सुविधाएं हैं। यहां जाने के लिए रायपुर दुर्ग बालोद के रास्ते जा सकते हैं। यहां ठहरने के लिए धर्मशाला होटल आदि है।
छत्तीसगढ के कांकेर जिले के गढ़बांसला गांव में छोटी सूंडवाले गणपति जी की मूर्ति है। जानकारी अनुसार गणेश जी की यह मूर्ति सैंकड़ो वर्ष पहले तालाब में तैरती हुई पाई गई थी। भक्तगण मानते हैं कि यहां पर आने वालों को गणपति बप्पा हर मनोकामना पूरी करते हैं। यहां विराजमान गणपति प्रतिमा की खासियत यह है कि इसमे गणेश जी की सूंड सामान्य सूंड की अपेक्षाकृत छोटी है। इससे इस गणेश मूर्ति को छोटी सूंड वाला कहते हैं। छोटी सूंड गणेश जी मंदिर रायपुर से करीब 143 किमी दूर है। यहां स्टेशन से बस टैक्सी के माध्यम से जा सकते हैं। यहां जाने के लिए रायपुर धमतरी कांकेर के रास्ते जा सकते हैं। यहां ठहरने के लिए होटल लॉज आदि है।
छत्तीसगढ के राजनांदगांव में रियासत काल का गणेश मंदिर है जो की लगभग 168 वर्ष पुराना भी है। जानकारी अनुसार इस मंदिर की स्थापना महंत दिग्विजय दास जी के पूर्वजों के द्वारा करवाई गई थी। जानकारी अनुसार इस मंदिर में जिसकी भी मनोकामना पूरी होती है तो गणेश जी को चाॅदी का छत्र चढ़ाया जाता है। गणेशोत्सव के दौरान यहां भारी भीड़ रहती है। रियायत कालीन गणेश मंदिर रायपुर से करीब 72 किमी दूर है। यहां बस टैक्सी ट्रेन के माध्यम से पहुंचा जा सकता है। रायपुर दुर्ग राजनांदगांव के लिए ट्रेन भी है। यहां ठहरने के लिए होटल धर्मशालाएं भी है।
छत्तीसगढ के मुंगेली जिले के शिवनाथ नदी के मध्य मे बसे हुए मदकू द्वीप पर कल्चुरी कालीन राजाओं के द्वारा मदकू द्वीप गणेश मंदिर का निर्माण करवाया गया था। शिवनाथ नदी के बीच मे स्थित यह मदकू द्वीप गणेश मंदिर प्राकृतिक सौंदर्य के लिए भी प्रसिद्ध है। यह मंदिर धार्मिक और पर्यटन दोनों नजरों से महत्वपूर्ण है। मदकू द्वीप गणेश मंदिर जाने के लिए बिलासपुर रेलवे-स्टेशन से ट्रेन तथा बस स्टैंड से बस भी चलती है। यहां रायपुर बिलासपुर मुंगेली होते हुए मदकू द्वीप पहुंचा जा सकता है। यहां पर ठहरने के लिए धर्मशालाएं होटल लॉज आदि बिलासपुर और मुंगेली मे उपलब्ध हैं।