उत्तर प्रदेशकौशाम्बी

कौशांबी ब्यूरो:नेताओं की कठपुतली बना निर्वाचन आयोग कैसे कराएगी पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से लोकसभा चुनाव

नेताओं की कठपुतली बना निर्वाचन आयोग

कैसे कराएगी पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से लोकसभा चुनाव

कौशाम्बी। लोकसभा चुनाव की घोषणा होने के बाद चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के खर्च करने की सीमा निर्धारित है लेकिन अभी नामांकन नहीं हुआ है लोकसभा चुनाव को लेकर के धारा 144 लगा दी गई है 5 व्यक्ति से अधिक एक स्थान पर खड़े नहीं हो सकते हैं धरना प्रदर्शन सभा रैली पर पूरी तरह से रोक लगाए जाने के बाद बिना अधिकार संभावित प्रत्याशियों द्वारा दर्जनों स्थानों पर प्रतिदिन रैली और सभाएं की जा रही है इन रैली सभा में हजारों लोगों की भीड़ इकट्ठे हो रही है जिसमे खुलेआम धारा 144 का उल्लंघन हो रहा है संभावित प्रत्याशी और उनके समर्थकों द्वारा निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन का पालन नहीं किया जा रहा है प्रशासन मूक दर्शन बना तमाशा देख रहा है और संभावित प्रत्याशी मनमानी करने पर उतारू है जिन पर रोक लगाने का साहस निर्वाचन आयोग नहीं कर रहा है।

जिस तरह से बिना परमिशन और बिना अधिकार के नेताओं द्वारा लगातार रैली और सभाएं की जा रही है उससे लगता है कि निर्वाचन आयोग नेताओं की कठपुतली बनकर रह गया है अब सवाल उठता है कि इन नेताओं के मनमानी करने पर जब प्रशासन रोक नहीं लगा पा रहा है तो फिर कैसे निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से लोकसभा का चुनाव संपन्न होगा क्या मतदाताओं को बूथों पर एकत्रित होने से रोकना ही निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से चुनाव की परिभाषा में शामिल है इन नेताओं के आचार संहिता उलंघन पर इन पर मुकदमा दर्ज कराकर कार्यवाही किए जाने की सख्त जरूरत है संभावित प्रत्याशियों द्वारा नामांकन के पूर्व लोकसभा चुनाव में खर्च किए जाने वाले धनराशि की अभी से गणना क्यों नहीं की जा रही है संभावित प्रत्याशियों द्वारा निर्वाचन आयोग के गाइडलाइन के विपरीत प्रतिदिन लाखों रुपए खर्च किए जाने के मामले को क्यों संज्ञान नहीं लिया जा रहा हैं लोकसभा चुनाव के संभावित प्रत्याशियों द्वारा धनबल के सहारे लोकसभा चुनाव जीतने की तैयारी हो रही है इन स्थितियों में कैसे पारदर्शी चुनाव कहा जा सकता है सैकड़ो गाड़ियों के काफिले में संभावित प्रत्याशी लोकसभा क्षेत्र में प्रतिदिन घूम रहे हैं मतदाताओं से मिल रहे हैं जगह-जगह स्वागत हो रहा है संभावित प्रत्याशी के स्वागत सत्कार के नाम पर माला फूल में लाखों रुपए प्रति दिन खर्च हो रहा है वाहनों के काफिला में कई लाख रुपया प्रतिदिन डीजल ईंधन के नाम पर खर्च हो रहा है सोशल मीडिया से लेकर जगह-जगह उनके द्वारा किए गए कार्यक्रम प्रचारित हो रहे हैं लेकिन उसके बाद भी धन बल के सहारे चुनाव जीतने की कोशिश करने वाले लोकसभा के संभावित प्रत्याशियों पर अभी तक निर्वाचन आयोग ने मुकदमा नहीं दर्ज कराया है जिससे निर्वाचन आयोग के अधिकारियों की लापरवाही का अंदाजा लगाया जा सकता है 2 दिन पहले संभावित प्रत्याशी के स्वागत के नाम पर जिले के दर्जनों स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित हुए सैकड़ो वाहनों के काफिले में प्रत्याशी ने जिले के विभिन्न क्षेत्रों में भ्रमण किया लाखों रुपए खर्च करके फूल माला से स्वागत हुआ वाहनों के काफिले में ईंधन डीजल के नाम पर लाखों रुपए खर्च कर दिए गए धारा 144 का खुलेआम उल्लंघन हुआ सब कुछ खुलेआम होता रहा प्रशासन मूकदर्शक बना रहा जबकि जिले में धारा 144 लागू है पांच आदमी से अधिक एकत्रित नहीं हो सकते हैं संभावित प्रत्याशी को निर्वाचन अधिकारियों ने रैली जुलूस सभा करने की अनुमति नहीं दी है उसके बाद भी संभावित प्रत्याशी की मनमानी पर निर्वाचन आयोग रोक नहीं लग सका है अब कैसे निर्वाचन आयोग के अधिकारी कहेंगे कि वह पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से लोकसभा चुनाव कराने को तत्पर है।

रिपोर्ट संपादक सूरज श्रीवास्तव कौशाम्बी।

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