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मालवीय समाज धर्मशाला पर परीनिर्माण दिवस मनाया गया

बिग ब्रेकिंग न्यूज़ इंदौर जिला

बाबा साहब अंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस 6 दिसंबर 1956 पर आज याद किया गया इंदौर जिले के वार्ड 76 भिचौली हप्सी मालवीय समाज धर्मशाला पर परीनिर्माण दिवस मनाया गया

आज भारतीय संविधान निर्माता और भारत रत्न डॉ. बीआर अंबेडकर की पुण्यतिथि पर पूरा देश उन्हें याद कर रहा है। उनकी पुण्यतिथि पर 68वां महापरिनिर्वाण दिवस मनाया जा रहा है। भारत रत्न ,विश्व के सबसे बड़े भारतीय संविधान के रचयिता ,नारी मुक्ति दाता, भारत के सबसे विद्वान पढ़े लिखे, 32 डिग्री वाले , 9.भाषा के ज्ञाता, सिंबल आफ नॉलेज परम पूज्य डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 में मध्य प्रदेश के महू में एक दलित परिवार में हुआ था। उन्होंने पूरा जीवन दलितों, शोषितों और पिछड़ों को उनका अधिकार दिलाने के लिए संघर्ष किया। उन्होंने हमेशा मजदूर वर्ग व महिलाओं के अधिकारों का समर्थन किया। दलितों के मसीहा अंबेडकर महान चिंतक, समाज सुधारक, न्यायविद व अर्थशास्त्री भी थे।

बहुजन समाजसेवी

बन्ना मालवीय अंबेडकर ने बताया

डॉ भीमराव अंबेडकर के अनमोल विचार- समाज को

1. जीवन लम्बा होने के बजाय महान होना चाहिए।

2. धर्म मनुष्य के लिए है न कि मनुष्य धर्म के लिए। मैं ऐसे धर्म को मानता हूं जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा सिखाता है।

3. यदि हम एक संयुक्त एकीकृत आधुनिक भारत चाहते हैं तो सभी धर्मों के शास्त्रों की संप्रभुता का अंत होना चाहिए।

4. इतिहास बताता है कि जहां नैतिकता और अर्थशास्त्र के बीच संघर्ष होता है, वहां जीत हमेशा अर्थशास्त्र की होती है। निहित स्वार्थों को तब तक स्वेच्छा से नहीं छोड़ा गया है, जब तक कि मजबूर करने के लिए पर्याप्त बल न लगाया गया हो।

5. बुद्धि का विकास मानव के अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए। वे इतिहास नहीं बना सकते जो इतिहास भूल जाते हैं।

6. समानता एक कल्पना हो सकती है, लेकिन फिर भी इसे एक गवर्निंग सिद्धांत रूप में स्वीकार करना होगा।

7. जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता नहीं हासिल कर लेते, कानून आपको जो भी स्वतंत्रता देता है वो आपके लिये बेमानी है।

8.बाबा साहब अंबेडकर के तीन महत्वपूर्ण उद्देश्य समाज को

 शिक्षित बनो,संगठित रहो,संघर्ष करो

इस मौके पर समाज के महत्वपूर्ण लोग सम्मिलित थे जो बाबा साहब को श्रद्धांजलि हर ,फूल,कैंडल से दी वह उन्हें याद किया भीम जन्म भूमि से बहुजन समाजसेवी बन्ना मालवीय अंबेडकर,राहुल मालवीय, सोनू परमार, ललित देवड़ा ,कमल मालवीय, देवकरण मालवीय अफसर, छगन देवड़ा,सोनू चौहान, रोहित चौहान ,रोहित मास्टर, अजय मालवीय, रामू अटाउडिया, रवि बडगोटिया, संतोष मावी, शेखर चौहान, और अन्य साथी सम्मिलित थे और बाबा साहब का नारा भी दिया ,जब तक सूरज चांद रहेगा बाबा साहब का नाम रहेगा,जय भीम,बाबा साहब अमर रहे,भारतीय संविधान जिंदाबाद

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