पत्रकारों से छिपकर नगर निगम बोर्ड की मीटिंग, पार्षद मंसूर बदर ने उठाए गंभीर मुद्दे
नगर निगम की बोर्ड मीटिंग में पार्षद मंसूर बदर ने कई गंभीर मुद्दे उठाकर सदन का ध्यान आकर्षित किया। बैठक को पत्रकारों से छिपाकर आयोजित किया गया, लेकिन पार्षद बदर की सक्रियता ने इसे चर्चा का केंद्र बना दिया।
पार्षद मंसूर बदर के मुख्य सवाल:
- बेहट अड्डे पर अवैध दुकानों का निर्माण:
- पार्षद बदर ने प्रश्न किया कि बेहट अड्डे पर पहले से बनी 40 अवैध दुकानों के अतिरिक्त 18 नई दुकानें और बनाई गईं।
- इसके लिए सलाहकार समिति का गठन किया गया था, लेकिन अब तक इसका कोई निर्णय पटल पर नहीं रखा गया।
- बॉयलाज समिति की रिपोर्ट भी बोर्ड में प्रस्तुत नहीं की गई।
- मासिक और त्रैमासिक रिपोर्ट का अभाव:
- नगर निगम एक्ट 1959 की धारा 142 के अनुसार, एमएनएलपी को अपनी मासिक और त्रैमासिक रिपोर्ट पेश करनी चाहिए थी, लेकिन अभी तक ऐसी कोई रिपोर्ट पटल पर नहीं आई है।
सदन में वाहवाही और सत्ता पक्ष की प्रतिक्रिया:
- मंसूर बदर ने नगर निगम एक्ट में अपनी मजबूत पकड़ दिखाते हुए इन मुद्दों पर सवाल उठाए, जिससे सदन में उनकी सराहना हुई।
- सत्ता पक्ष के पार्षदों को भी इन मुद्दों पर जानकारी मिली, जिनके बारे में वे अनजान थे।
पार्षद मंसूर बदर का कहना:
मंसूर बदर ने कहा, “नगर निगम की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है। मेरी जिम्मेदारी है कि जनता के हितों की रक्षा के लिए सवाल उठाऊं।”
पत्रकारों से मीटिंग छिपाने पर सवाल:
बैठक को पत्रकारों से छिपाकर आयोजित करने की वजह पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। पार्षदों का कहना है कि यह पारदर्शिता के खिलाफ है और ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर जनता को जानकारी मिलनी चाहिए।
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एलिक सिंह
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