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बसंतराय प्रखंड कार्यालय में आमजनों के लिए बने शौचालय की स्थिति बद से बदतर, महिला शौचालय का टूटा हुआ है दरवाजा
झारखंड / गोड्डा :
जिले के बसंतराय प्रखंड सह अंचल कार्यालय अधिकारियों के लिए बने शौचालय और आम आदमी के लिए बने शौचालय की हालत बद से बदतर हो गई है। इस प्रखंड कार्यालय में आने वाले आम लोगों के लिए बना शौचालय उपयोग के लायक भी नहीं है। स्वच्छ भारत के तहत बने इस शौचालय में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। वहीं शौचालय का मुख्य दरवाजा भी टूटा हुआ है। शौचालय पाइप से पानी जमीन पर फैलता रहता है वहीं अधिकारियों के लिए बना शौचालय चकाचक हैं। प्रखंड कार्यालय के पहली मंजिल पर बने शौचालय की स्थिति देखकर आदमी तो छोड़िए जानवर भी इस शौचालय में प्रवेश नहीं कर पाएगा। साफ-सफाई के अभाव में शौचालय बदहाल है। शौचालय के अंदर फैली गंदगी से भारी बदबू आ रही है और शौचालय का दरवाजा टूटी फूटी अवस्था में है। शौचालय में सफाई के नाम पर महज खानापूर्ति की जा रही है। बताते हैं कि इन सार्वजनिक शौचालयों की नियमित साफ सफाई नहीं होने से शौचालयों की दीवारें पान-गुटखा की पीक से रंगी पड़ी है। लोगों का कहना है कि, स्वच्छता अभियान का पाठ पढ़ाने वाले प्रशासन स्वयं साफ-सफाई पर ध्यान नहीं दे रहे। कई सरकारी दफ्तरों के शौचालयों का भी यही हाल है। स्वच्छ भारत अभियान के तहत ग्रामीणों के घर में शौचालय निर्माण कराने एवं खुले में शौच नहीं करने का संदेश जारी करने के लिए प्रेरित करने वाले सरकारी अधिकारी और कर्मचारी अपने कार्यालयों में बने आमजनों के टॉयलेट की स्थिति सुधारने में नाकामयाब हैं। उधर प्रखंड कार्यालय में अपने कार्य को लेकर आने वाली महिलाओं ने बताया कि शौचालयों की नियमित सफाई नहीं होने से लोग टोयलेट करने के लिए इधर-उधर जगह ढूंढते हैं इस स्थिति में सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं को होती है। प्रखंड कार्यालय में कागजात बनाने के लिए आई महिला ने बताया कि प्रखंड कार्यालय की प्रथम फ्लोर पर पुरुष और महिलाओं के लिए शौचालय प्रशासन के द्वारा बनाए गए हैं लेकिन इन शौचालय की सफाई नहीं हो पा रही है जिससे महिलाओं को खुले में टॉयलेट के लिए जाना पड़ता है जिससे उन्हें शर्मिंदगी का सामना करना पड़ रहा है। अधिकारियों के ऑफिस में बने शौचालय की साफ- सफाई का ख्याल रखा जाता है लेकिन आमजनों के लिए बने शौचालय में गंदगी की अंबार लगी रहती है। वहीं प्रखंड कार्यालय आने वाले कई लोगों ने बताया कि प्रशासनिक लापरवाही के कारण शौचालय की साफ- सफाई नहीं हो रही है। प्रखंड विकास पदाधिकारी हो या तमाम वरीय पदाधिकारी रोजाना इसी कार्यालय में कार्य के लिए आते हैं लेकिन उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि शौचालय के टूटे- फूटे दरवाजे और गंदगी से लोगों को टॉयलेट और बाथरूम जाने में परेशानी होती है। लोगों ने कहा कि इस मुद्दे पर भी ध्यान देना चाहिए, यहां आने वाली महिलाओं को काफी दिक्कत होती है। जानकार बताते हैं कि सफाई व्यवस्था के लिए लाखों रूपए खर्च किए जा रहे हैं लेकिन प्रखंड कार्यालय के मुख्य भवन के अंदर बने शौचालय की सफाई नहीं हो पा रही है जबकि प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में सुदूर क्षेत्र से लोग प्रखंड मुख्यालय पहुंचते है। वहीं इस पूरे मामले को लेकर प्रखंड विकास पदाधिकारी श्रीमान मरांडी ने स्थानीय पत्रकार को बताया कि शौचालय की साफ सफाई कराई जाएगी।
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साथ ही दरवाजे का रिपेयरिंग भी प्लान में लेकर 15वें वित्त से कराया जाएगा।