
राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर जागरूकता गतिविधियों का हुआ आयोजन
📝 खरगोन से अनिल बिलवे की रिपोर्ट…
16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाता है, ताकि लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक किया जा सके। रोग के फैलने को नियंत्रित करने के लिए शीघ्र रोकथाम, सार्वजनिक भागीदारी और समय पर चिकित्सा देखभाल की जरूरत पड़ती है। राष्ट्रीय डेंगू दिवस 2025 का उद्देश्य डेंगू बुखार से लड़ने के लिए निवारक कार्यवाही करने के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। इस वर्ष का थीम देखें, साफ करें, ढकेंः डेंगू को हराने के उपाय करें पर आयोजित की गई हैं।
कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मोहनसिंह सिसोदिया ने समस्त कार्यालयीन स्टाफ व स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को शपथ दिलाते हुए बताया कि डेंगू यह एक जानलेवा वायरल संक्रमण है जो एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। तेज बुखार, सिरदर्द, जोड़ों में दर्द, त्वचा पर चकत्ते और कमजोरी इसके मुख्य लक्षण हैं, समय पर इलाज न हो तो यह प्लेटलेट्स की संख्या घटाकर स्थिति को गंभीर बना सकता है। इससे बचाव के लिए जिले में जिला स्तर से ग्राम स्तर तक विभिन्न प्रकार की गतिविधियों जैसे-शपथ कार्यक्रम, जागरूकता रैली, नारा लेखन, चौपाल बैठक, ग्राम आरोग्य केन्द्र व आंगनवाडी केन्द्रों पर जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित करते हुए पम्पलेट वितरत कर डेंगू बीमारी के लक्षण, बचाव व उपचार के तरीकों से अवगत कराया गया। साथ ही स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा सर्वे करते हुए लार्वा विनिष्टीकरण के तरीके से आमजन को अवगत करवाया गया।
जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. मनोज पाटीदार द्वारा बताया गया कि डेंगू वायरस से संक्रमित एडीज मच्छर के अंडे शुष्क अवस्था में भी वर्ष भर जीवित रहता हैं। गतवर्ष जो क्षेत्र व घर डेंगू से प्रभावित हुए हैं, उनमें पुनः संक्रमण फैलने की संभावना अत्याधिक होती हैं। अतः आमजन की सहभागिता व जागरूकता से लार्वा अवस्था में ही एडीज मच्छर को नष्ट करके डेंगू के संक्रमण को नियंत्रित किया जा सकता हैं। उन्होनें बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा निरन्तर लार्वा सर्वे कार्य किया जा रहा हैं। अब तक लगभग 1.5 लाख घरों का सर्वे किया जा चुका हैं तथा लार्वा पाये जाने पर आवश्यक समझाईश देते हुए सर्वे टीम द्वारा नष्ट करने के उपायों से अवगत भी कराया गया हैं।