लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने शनिवार को 195 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। सूची में कौशाम्बी संसदीय सीट को छोड़ दिया गया है। जबकि, पड़ोसी संसदीय सीट प्रतापगढ़ व फतेहपुर में उम्मीदवार की घोषणा कर दी गई है। कौशाम्बी संसदीय क्षेत्र से अभी उम्मीदवार घोषित नहीं करने से कयासाें, अटकलों का बाजार गरम हो गया है।
कयास लगाए जा रहे हैं कि यहां पर पार्टी अभी और मंथन कर रही है। चर्चा यह भी है कि कहीं पार्टी इस सीट पर बदलाव न कर दे। बताते चलें कि इस सीट पर विनोद सोनकर ने वर्ष वर्ष 2014 और 2019 में भाजपा का परचम फहराया था। वर्तमान सांसद विनोद सोनकर को तीसरी बार भाजपा से टिकट मिलेगा या नहीं, इसे लेकर उहापोह की स्थिति बनी हुई है।
दूसरी तरफ टिकट की लाइन में लगे पूर्व सांसद शैलेंद्र कुमार, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मधुपति वाचस्पति सहित कई दावेदार सियासी आकाओं का चक्कर काट रहे हैं। पूर्व सांसद शैलेंद्र ने तो लोकसभा चुनाव के लिए बकायदा केंद्रीय कार्यालय भी खोल दिया है। इसे लेकर सियासी पारा चढ़ गया है।
2019 में भी जनतांत्रिक गठबंधन को लेकर हुआ था मंथन
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा-जनतांत्रिक गठबंधन को लेकर कई दिन तक मंथन चला था। इस कारण भाजपा ने इस सीट पर उम्मीदवार की घोषणा आखिरी वक्त में किया था। इस बार भी हाल ही में हुए राज्य सभा चुनाव की गतिविधियों को देखते हुए ऐसे ही कुछ कयास लगाए जा रहे हैं।
कौशाम्बी में सपा और कांग्रेस का गठबंधन
सरसवां ब्लॉक के भगतपुरवा चौराहा पर रविवार को इंडिया गठबंधन की बैठक हुई। इसमें सपा के राष्ट्रीय महासचिव इंद्रजीत सरोज भी शामिल हुए। कांग्रेस जिलाध्यक्ष अरुण विद्यार्थी ने कहा कि कांग्रेस और सपा कौशाम्बी में मिलकर पूरी मजबूती से चुनाव लड़ेगी। यह इंडिया गठबंधन जीत का परचम भी लहराएगा। कांग्रेस का जिला संगठन इस गठबंधन के प्रत्याशी को जिताने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा। इस मौके पर मो. शाहिद सिद्दीकी, प्रदेश सचिव राजेश, तमजीद अहमद, राजेश, राकेश, सरवर आलम, नदीम अहमद, भारत गौतम आदि मौजूद रहे।