आगर मालवा, 07 दिसंबर।मध्य प्रदेश में 12 साल पुरानी स्कूल बसें चलाने पर रोक, हाईकोर्ट की डबल बेन्च ने स्कूल बस को लेकर महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए कि एमपी मोटर व्हीकल एक्ट-1994 में स्कूल बस रजिस्ट्रेशन, संचालन व प्रबंधन के लिए नियमों का प्रावधान किया जाए।
आरटीओ, डीएसपी-सीएसपी ट्रैफिक इन गाइडलाइन का सख्ती से पालन करवाएं। इंदौर में हुए डीपीएस बस हादसे में चार स्कूल बच्चों और ड्राइवर की मौत हुई थी। इस पर लगी विविध जनहित याचिकाओं की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की डबल बेंच ने स्कूल व शैक्षणिक संस्थानों की बसों के लिए अहम आदेश जारी किया है।
*सात वर्ष पहले हुई थी चार बच्चों की मौत*
2018 को डीपीएस की बस छुट्टी के बाद बच्चों को घर छोड़ने जा रही थी। बायपास पर बस अनियंत्रित हो गई और डिवाइडर फांदते हुए दूसरे लेन में चल रहे ट्रक से जा टकराई। हादसे में चालक स्टीयरिंग पर फंस गया। उसने वहीं दम तोड़ दिया। हादसे में चार बच्चों की भी मौत हो गई थी जबकि वह अन्य बच्चे घायल हो गए।
*ऑटो में नहीं बैठा सकेंगे 3 से ज्यादा बच्चे*
इसमें स्कूल बस और ऑटो के लिए गाइडलाइन जारी कर दी है। मप्र शासन को आदेश दिए हैं कि वह मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन करे। जब तक ऐसा नहीं होता यह गाइडलाइन लागू रहेगी। साथ ही उनका पालन कराने की जिम्मेदारी संबंधित जिले के आरटीओ और ट्रैफिक सीएसपी, डीसीपी की होगी। वहीं पीएस स्कूल शिक्षा विभाग, संबंधित जिले के कलेक्टर, एसपी इस मामले में ध्यान देंगे कि इनका पालन हो और इन गाइडलाइन को लेकर जागरूकता फैलाई जा सके। आदेश में यह भी कहा गया है कि ऑटो में तीन से ज्यादा स्कूली बच्चे नहीं बैठेंगे। ड्राइवर सहित कुल चार ही सवारी होंगी। जस्टिस विवेक रूसिया और जस्टिस बिनोद कुमार द्विवेदी की डिवीजन बेंच ने यह फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि वर्तमान नियम ट्रांसपोर्ट व्हीकल के है। सरकार मोटर व्हीकल एक्ट के तहत स्कूल बसों के लिए विशेष प्रावधान करे। इनके पालन की जिम्मेदारी भी तय करे।