सदर विकास खंड स्थित सभागार में महारानी अहिल्याबाई होल्कर त्रिशताब्दी स्मृति अभियान के क्रम में आयोजित महिला सम्मेलन को पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष एवं पूर्व जिला उपाध्यक्ष बीजेपी श्रीमती सुनीता कन्नौजिया किया सम्बोधित
महाराजगंज 29 मई। रानी अहिल्याबाई होलकर की 300 वीं जयंती पर सदर विकास खंड सभागार में महारानी अहिल्याबाई होल्कर त्रिशताब्दी आयोजित स्मृति अभियान के क्रम में आयोजित महिला सम्मेलन को संबोधित करते हुए पूर्व अध्यक्ष नगर पालिका , पूर्व जिला उपाध्यक्ष श्रीमती सुनीता कन्नौजिया ने कहा कि पुण्य श्लोक रानी अहिल्याबाई होलकर भारत की सांस्कृतिक जागरण एवं सनातन विचारों के साथ गरीबों और असहायों की सेवा की जीवंत प्रतिमूर्ति थी। कठिन चुनौतियों और विषम परिस्थितियों के बीच भी रानी अहिल्याबाई होलकर अडिग रहीं और जनसेवा में निरंतर सक्रिय रहीं। सुनीता कन्नौजिया ने कहा कि रानी अहिल्याबाई ने न्याय, समाज सुधार और महिला सशक्तिकरण की दिशा में ऐतिहासिक कार्य किए।उन्होंने कहा कि रानी अहिल्या बाई होलकर ने अपने शासन में सख्त दहेज विरोधी कानून बनाए। बिना संतान वाली विधवाओं की संपत्ति राज्य द्वारा जब्त करने की नीति समाप्त की। विधवाओं को बच्चा गोद लेने की स्वतंत्रता दी। विधवा पुनर्विवाह को नैतिक समर्थन दिया और महिला सैन्य टुकड़ी का गठन किया। नारी शक्ति का बेहतरीन उदाहरण थीं।।कहा कि कि रानी अहिल्याबाई होलकर सर्व समाज की मां थीं। इसलिए इनकी 300वीं जन्म जयंती को सर्व समाज के साथ मनाते हुए इनके आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प लें। पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष ने कहा कि पूर्व की सरकारों ने तुष्टिकरण की राजनीति के कारण ऐसे महान लोगों को कभी सम्मान नहीं दिया। केन्द की मोदी सरकार और प्रदेश की योगी सरकार की नीतियों लोक माता अहिल्या बाई होलकर के दिखाए गए मार्ग पर चल कर समाज , सनातन, संस्कृत और विरासत को संरक्षित कर रहे है। इस अवसर पर सदर प्रमुख सोनी कश्यप ने अपने संबोधन में कहा कि पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होल्कर ने अपने जीवन में समाजसेवा और देश सेवा की मिसाल कायम की थी। उनके शासनकाल में ही हिंदुओं की भव्य विरासत और आस्था का केंद्र सोमनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार के साथ बनारस में काशी विश्वनाथ मंदिर जैसे कई मंदिरों की नींव रखी गई थी। उन्होंने ही महिलाओं को शिक्षा का अधिकार दिलाया। इसलिए उनको पुण्यश्लोक भी कहा जाता है।उन्होंने कहा कि लोकमाता अहिल्या बाई होल्कर के शौर्य, न्याय, सेवा, त्याग, बलिदान को एक-एक गांव, शहर, गली, मुहल्लों में एक-एक व्यक्ति के मस्तिष्क तक दृढ़ संकल्प का काम करना है। ताकि लोग उनसे प्रेरणा लेकर सेवा के मार्ग पर आगे बढ़े। इस दौरान महिला सम्मेलन में अनीता देवी ,रीता गुप्ता, अमरावती ,देवकी, लक्ष्मी देवी,अंजू, रंभा देवी, नीलम जोहरा खातून, मीरा देवी सहित तमाम समूह सखी और महिलाएं मौजूद रही।