जिल्हा प्रतिनिधी:-डॉ.पंजाबराव खाडे. 8806356595. “बॅंक के हर महीने अतिरिक्त चार्जेस से जनता परेशान,क्या रिझर्व बँक संज्ञान लेगी”..? आज के दौर मे सुशिक्षित बेरोजगारी बढी है। आवक स्त्रोत घट गये है। बॅंक के मे पैसा कहांसे लाये। सरकार द्वारा सभी नागरिक को खाते निकालेके लीये मजबुरी किया गया। आज बॅंक द्वारा मिनीमम बेलेंस के नाम पर हर महीने 590 रुपये लीये जा रहे है। तथा पैसा डालते समय,निकासी समय हर बार कटोती की जा रही है। एटीएम बेलेंस चेक करनेका ,निकालने का पैसा लग रहा है। जनता मे काफी असंतोष है।जनता के नुमाईंदे देश चला रहे है,या व्यापार. ? जनता पिछले 70 सालोमे कभी परेशान नही हुयी थी,लेकीन 2014 से लगातार परेशानियाँ झेलनी पड रही है। रिझर्व बँक के अंर्तगत सभी बॅंक कार्य करता है। बॅंक मे सरकारकी अपनी पहलेसे लागत है। तो क्या मा.गवर्नर साहब संज्ञान लेकर गरिब,मध्यम टपकेके नागरिकों आवक का विचार करेंगे।? साथ मे फायनांस कंपनिया ब्याज पर ब्याज लगकर लुट रही है। यहातक देखा है,कुछ लोगोने ईन कंपनी के डर के मारे आत्महत्या की है। क्या रिजर्व बँक संज्ञान लेकर समाजहित मे कार्य करेगी,..? यह जनता हे पुरोजोर मांग हो रही है। …!