*जिले के सभी खाद्य व्यवसायियों को रजिस्ट्रेशन व लायसेंस बनवाना अनिवार्य*
खरगोन :-खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 नियम 2011 के अंतर्गत खरगोन जिले के सभी खाद्य व्यवसायियों को रजिस्ट्रे शन व लायसेंस बनवाना अनिवार्य है। बिना लायसेंस, रजिस्ट्रे शन (पंजीयन) के खाद्य कारोबार करना खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 की धारा 31(1) एवं 31(2) का उल्लंघन है। बिना लायसेंस/ रजिस्ट्रे शन (पंजीयन) के खाद्य कारोबार करने पर खाद्य व्यवसायियों को खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 नियम 2011 की धाराओं के तहत जुर्माना एवं सजा का प्रावधान है। इसीलिये खरगोन जिले के समस्त खाद्य व्यवसायी अपने विक्रय प्रतिष्ठानों का खाद्य पंजीयन/खाद्य लाईसेंस, खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के अंतर्गत अवष्य बनवा लेवें।
समस्त खाद्य व्यापारी एमपी ऑनलाइन कियोस्क के माध्यम से विभाग की वेब साईट https://Foscos.Fssai.gov.in पर खाद्य रजिस्ट्रे शन /खाद्य लायसेंस के लिये आवेदन आनलाईन करा सकते हैं। आवेदन करते समय खाद्य व्यवसायी अपने साथ वोटरकार्ड, आधारकार्ड या ड्राईविंग लायसेंस, पेनकार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो आदि दस्तावेज अवश्य रखें। खाद्य व्यापारी खाद्य लायसेंस व खाद्य पंजीकरण की राशि ऑनलाइन जमा की जाती हैं। आवेदन आनलाईन जमा कराने के पश्चात खाद्य व्यवसायी अपने ई-मेल आईडी पर अपना खाद्य लायसेंस व खाद्य पंजीकरण की प्रति प्राप्त कर सकते है।
खाद्य व्यवसायी जिनका वार्षिक टर्न ओवर 12 लाख रुपयों के अंदर है, उनका खाद्य रजिस्ट्रे शन (पंजीकरण) होगा एवं जिनका वार्षिक टर्न ओवर 12 लाख रुपयों से ऊपर या अधिक है उनका खाद्य लायसेंस बनेगा। खाद्य व्यवसायी अपनी सुविधा अनुसार अधिकतम 5 वर्ष तक के लिये अपना खाद्य लायसेंस/खाद्य रजिस्ट्रे शन (पंजीकरण) बनवा सकते है। समस्त खाद्य व्यवसायी को खाद्य रजिस्ट्रे शन व खाद्य लायसेंस करवाना अनिवार्य है।
इसमें स्थायी/अस्थायी स्टाल धारक, हांकर फल-फ्रुट, सब्जी विक्रेता (चलते फिरते खाद्य विक्रेता), घर में स्थित केन्टीन/डिब्बावाला, खाने-पीने (स्नेक्स) का छोटा फुटकर विक्रेता/चाय की दुकान, प्रोसेसर, रिपेकर्स, धार्मिक सभा, मेलों में खाने के स्टाल/व्यवस्थाएँ, दुध उत्पादक, दुध विक्रेता, ढावा, मछली, मांस, पोल्ट्री शाप, फुटकर, थोक व्यापार, डिस्ट्रीब्यूटर, सप्लायर, खाद्य पदार्थ का ट्रासंपोर्ट करने वाले, केटरिंग व्यवसाय, क्लब, केंटीन, मेडिकल व्यवसाय, होटल व्यवसाय, रेस्टोरेंट, रि-लेबलर्स सभी प्रकार की खाद्य उत्पादन ईकाईयों, दुध कलेक्शन एवं चीलिंग सेंटर, स्लाटर हाउस, सालवेंट एक्सटेªक्टिंग युनिट व प्लांट, आईल रिफाईनरी, पेकेजिंग, आयात करने वाले, सभी प्रकार के भंडारण, वेयर हाउस/कोल्ड स्टोरेज, स्वं-सहायता समूह, सहकारी समितियां, शासकीय मदिरा दुकानें, क्लब, केंटीन, मध्यान भोजन वितरित करने वाली संस्थायें एवं शासकीय सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दूकानें आदि सभी प्रकार के खाद्य पदार्थ का विक्रय, संग्रह, भंडारण, वितरण एवं निर्माण करने वाले व्यवसायी शामिल हैं।
प्रवीण यादव की खबर