शाहजहांपुर/बंडा।बजाज चीनी मिल में सफाई करने के दौरान मशीन में फंसकर एक मजदूर की दर्दनाक मौत हो गई।मिल प्रशासन द्वारा गेट बंद करा दिये जाने से गुस्साये ग्रामीण दीवार फांदकर मिल के अन्दर पहुंचे गुस्साए ग्रामीणों ने बायलर बंद करा कई घंटों तक हंगामा किया।जिसके बाद मिल व मृतक के पक्ष के लोगों में समझौते के बाद हंगामा समाप्त हो गया। बंडा के गांव नबाबपुर पुक्खी निवासी दुष्यंत उर्फ गोविंद मिश्रा पुत्र सुभाष मिश्रा मकसूदापुर चीनी मिल में दो माह से मजदूरी पर काम कर रहा था। शुक्रवार को लगभग साढ़े नौ बजे वह बॉयलर में रोड़ी मेल्टर बेल्ट पर लगे मोटर की सफाई करने के लिए ऊपर चढ़ा था।उसी दौरान उसकी शर्ट मोटर में फंस गयी।और वह मोटर में फंस गया।जब इसकी जानकारी चीनी गोदाम पर काम कर रहे गोविंद के चाचा जितेंद्र मिश्रा को हुई तो वह बॉयलर के पास पहुंचे।गोविंद मिश्रा के मुताबिक जब वह गोविंद के पास जाने लगे तो उन्हें अन्दर घुसने नहीं दिया गया। सूचना के बाद जब गोविंद के परिजन मिल पहुंचे तो मिल अधिकारियों ने सभी गेट बंद करवा दिए। जिसके बाद ग्रामीण दीवार फांदकर अंदर जा घुसे।ग्रामीणों ने बताया जब वह लोग मौके पर पहुंचे तो गोविंद मिश्रा का पूरा शरीर मोटर में फंसा हुआ था।मौके पर कोई मिल के अधिकारी मौजूद नहीं थे।उन लोगों ने किसी तरह गोविंद को बाहर निकाला लेकिन तब तक गोविंद की मौत हो चुकी थी।ग्रामीणों का आरोप था कि मिल अधिकारियों ने बॉयलर के गेट पर मिल की एंबुलेंस खड़ी कर रखी थी जिससे वह गोविंद की बॉडी को मिल से निकालकर बरेली पहुंचा सकें ताकि उन पर किसी भी प्रकार का कोई दोष न आ सके।इधर इस घटना की जानकारी चीनी मिल में गन्ना लेकर गये किसानों व क्षेत्र में लोगों को हुई कि परिजनों को मिल में मिल अधिकारियों द्वारा घुसने ना देने से लोग आक्रोशित हो उठे। सूचना पर मौके पर पुलिस पहुंच गयी। वहीं मिल प्रशासन घटना के लिए ठेकेदार को जिम्मेदार ठहरा रहा था।पुलिस के पहुंचने के बाद गोविंद मिश्रा के परिवार वालों से मिल प्रबंधन ने बात करने की कोशिश की।बातचीत के मृतक गोविंद मिश्रा के पिता को 17 लाख रुपए, नौकरी व मृतक के छोटे भाई अखण्ड मिश्रा की बीमारी का इलाज कराने पर सहमति बनी। जिसके बाद पुलिस ने मृतक के शव को कब्जे में ले पोस्टमार्टम के लिए जिला मुख्यालय भेज दिया।
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