15 दिन पूर्व भी भवनाथपुर में ड्रग इंस्पेक्टर ने छापेमारी की तयारी की थी परंतु खबर लीक होने के कारण सभी दवा दुकान और जांच घर अपनी अपनी दुकानें बंद कर फरार हो गए थे ।देखना होगा अब की वैसे फर्जी लोगों के खिलाफ क्या करवाई होती है । नशा एक बड़ी सामाजिक बुराई है, इससे दूर रहने के लिए प्रशासन द्वारा तमाम जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं, इसके बावजूद नौनिहाल स्कूली बच्चे तेजी से सस्ते नशे की गिरफ्त में आ रहे हैं। ग्रामीणों क्षेत्रों में नशे का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है। किशोरों के साथ साथ अब छोटे छोटे स्कूली बच्चे भी नशे का सेवन करने लगे है। प्रतिबंधित सुलेशन, व्हाइटनर, थिनर, मेडिकल स्टोरों पर बिकने वाली कई प्रतिबंधित दवाएं नशे के लिए प्रयोग की जा रही हैं। स्कूल कॉलेज जाने वाले बच्चों को नशीले पदार्थ मेडिकल दुकानों एवं जेनरल दुकानदारो के पास से मिल जाता है। प्रतिबंध के बावजूद कई दुकानदार व मेडिकल स्टोर स्कूल के बच्चों को नशे में इस्तेमाल में होने वाली दवाएं बेचते हैं। इसके पीछे नशे का कारोबार चलाने वाले सक्रिय हैं, लेकिन वें अब तक पुलिस की पहुंच से दूर हैं। *ग्रामीणों ने स्कूली ड्रेस में नशा का सेवन करते बच्चे को पकड़ विद्यालय को सौंपा* शनिवार को बुका गाँव के नदी किनारे ह्वाईटनर और सुलेशन का नशा करते हुए कक्षा 6 में पढ़ने वाले स्कूली बच्चे को ग्रामीण ने पकड़कर विद्यालय प्रबंधन को सौंप दिया। पूछने पर उस बच्चे ने बताया कि प्लास्टिक में भरकर सुलेशन या ह्वाईटनर सूंघने से शराब जैसा नशा महसूस होता है, मेरे साथ आठ दस बच्चे नशा सूंघ रहे थे, वें सब भाग गए ज्यादा नशा होने के कारण मैं पकड़ा गया। बताया कि ये नशीली चीजे किराना दुकानो में आसानी से मिल जाता है।
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