जयपुर। गरीब और जरूरतमंद परिवारों के बच्चों की शिक्षा का केंद्र केवल सरकारी स्कूल है, जिसके चलते गरीब अभिभावक अपने बच्चों के भविष्य को संवारने का सपना देखते है। उन्हीं गरीब परिवारों के सपनों को कुचलते हुए राजस्थान सरकार ने शुक्रवार देर रात 260 स्कूलों का अस्तित्व ही मिटा डाला जिसमें लगभग 10 हजार से अधिक छात्र और छात्राएं शिक्षा लेते थे, 10 दिनों पहले भी राजस्थान सरकार के शिक्षा विभाग ने प्रदेश के 190 सरकारी हिंदी स्कूलों का अस्तित्व खत्म कर दिया था उनमें भी लगभग 10 हजार विद्यार्थी शिक्षा लेते थे। ऐसे अब सवाल यह खड़ा होता है कि उन 20 हजार विद्यार्थियों के भविष्य का क्या होगा, उनके अभिभावकों के सपनों का क्या होगा। सरकारी स्कूलों को बंद करने के आदेश पर संयुक्त अभिभावक संघ ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ” राजस्थान सरकार ने साबित कर दिया कि वह गरीब शिक्षा विरोधी है, यह लोग मुंह में राम का गुणगान करते है और हाथों में छुरी लेकर षड्यंत्र रचते है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और राजस्थान भाजपा यह बताए कि स्कूलों को बंद करने का कौनसा चुनावी वादा निभा रही है, जबकि वादा किया था हर घर हर बच्चों शिक्षा का अधिकार पहुंचाएंगे, लेकिन मात्र एक वर्ष के शासन में ही 450 स्कूलों को बंद कर प्रदेश की जनता के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात कर दिया वहीं संयुक्त अभिभावक संघ के प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि राजस्थान सरकार ने प्रदेश के 450 स्कूल बंद कर स्कूलों का नहीं बल्कि शिक्षा और शिक्षा की देवी मां सरस्वती का अपमान किया है एक तरफ डबल इंजन सरकार की बात होती है, देश के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष सहित तमाम केंद्रीय मंत्री और राज्यपाल तक शिक्षा पर बड़े बड़े बखान गाते फिरते है, शिक्षा को विकास, संरक्षण और धर्म का केंद्र बताते वही उन्हीं की राजस्थान सरकार उसी शिक्षा को छीनने का षड्यंत्र रचते है। अब तक राजस्थान सरकार के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर और भाजपा के नेता राजकीय महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूलों का विरोध कर रहे थे उन्हें बंद करने की योजना बना रहे थे, अंग्रेजी शिक्षा का विरोध कर रहे थे किंतु उसके विरोध के पीछे सरकारी हिंदी मीडियम स्कूलों को बंद करने का षड्यंत्र रच रहे थे, अब राजस्थान सरकार और भाजपा ने स्पष्ट कर दिया है वह केवल अंग्रेजी विरोधी नहीं बल्कि हिंदी विरोधी भी है और शिक्षा विरोधी भी है प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने कहा कि एक तरफ भाजपा की केंद्र सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति की बात करती है वहीं उन्हीं की राजस्थान सरकार शिक्षा को उजाड़ने का काम कर रही है राजस्थान की गरीब जनता जो इन सरकारी स्कूलों में अपने बच्चों का भविष्य संवारने का सपना देखते है क्या उनके सपने कुचलने का उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भी शामिल है। पूरे राजस्थान में शिक्षा बुरी तरह से बदहाल स्थिति में एक तरफ निजी स्कूलों की मनमानी चल रही है जिस पर सरकार अंधी, गूंगी, बहरी बनी बैठी है, वहीं दूसरी तरफ सरकारी स्कूल है जहां व्यवस्था बनाने की बजाय व्यवस्था को जड़ से समाप्त किया जा रहा है। संयुक्त अभिभावक संघ राजस्थान सरकार के इस निर्णय का कड़ा विरोध करते है अगर स्कूलों को वापस खोलने का आदेश जारी नहीं किया गया तो, राजस्थान सरकार और भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ घर – घर आंदोलन होगा।
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