
दरभंगा में एक दिवसीय मेगा कैंप सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन, मत्स्यपालन क्षेत्र को डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ने पर जोर
दरभंगा, 18 फरवरी 2025: प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना के तहत एक दिवसीय मेगा कैंप सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम जिला मत्स्य कार्यालय, दरभंगा द्वारा संयुक्त कृषि भवन, कृषि परिसर, बहादुरपुर में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य मत्स्यपालकों, मछुआरों और मत्स्य उद्यमियों को सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी देना और उन्हें डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ना था।
मत्स्यपालन क्षेत्र को सुव्यवस्थित करने पर जोर
इस प्रशिक्षण शिविर में जिला कृषि पदाधिकारी दरभंगा, मात्स्यिकी वैज्ञानिक (कृषि विज्ञान केंद्र जाले), सहायक निदेशक उद्यान दरभंगा, सीएससी प्रबंधक दरभंगा सहित कई महत्वपूर्ण पदाधिकारी और विशेषज्ञ मौजूद रहे। इसके अलावा, जिले के विभिन्न प्रखंड मत्स्यजीवी सहयोग समिति के मंत्री, अध्यक्ष और मत्स्य किसान भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए।
जिला मत्स्य पदाधिकारी अनुपम कुमार ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नेशनल फिशरीज डिजिटल प्लेटफॉर्म (NFDP) के माध्यम से मछुआरों, मत्स्यपालकों, श्रमिकों, विक्रेताओं और लघु उद्यमों को डिजिटल रूप से पंजीकृत किया जाएगा। इससे सरकार की योजनाओं का लाभ सीधा और पारदर्शी तरीके से हितधारकों तक पहुंचेगा।
एनएफडीपी (NFDP) क्या है और कैसे करेगा मदद?
एनएफडीपी (National Fisheries Digital Platform) मत्स्यपालकों और इससे जुड़े अन्य हितधारकों के लिए एक डिजिटल मंच है। इसका मुख्य उद्देश्य मत्स्यपालन क्षेत्र को सुव्यवस्थित और तकनीकी रूप से सशक्त बनाना है।
इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से मत्स्यपालकों को निम्नलिखित लाभ मिलेंगे:
✅ पंजीकरण सुविधा – मत्स्य किसानों, श्रमिकों और उद्यमियों को डिजिटल रूप से पहचान मिलेगी।
✅ वित्तीय सहायता – ऋण, बीमा और अन्य वित्तीय लाभों की सुविधा।
✅ सरकारी प्रोत्साहन – सब्सिडी और अन्य योजनाओं का सीधा लाभ।
✅ बाजार से जुड़ाव – उत्पादों की बेहतर मार्केटिंग और बिक्री की सुविधा।
हितधारकों के लिए डिजिटल पंजीकरण अनिवार्य
कार्यक्रम में बताया गया कि मत्स्यपालकों को NFDP पर पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। यह पंजीकरण सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) और जिला मत्स्य कार्यालय के माध्यम से किया जाएगा। इससे मछली पालन करने वाले किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ सीधा और पारदर्शी तरीके से मिल सकेगा।
मत्स्य उद्योग को मिलेगी नई रफ्तार
इस आयोजन के दौरान, मात्स्यिकी वैज्ञानिकों और कृषि विशेषज्ञों ने उन्नत मत्स्यपालन तकनीकों, जल प्रबंधन और मछली पालन में आधुनिक उपकरणों के उपयोग पर भी चर्चा की। साथ ही, प्रसंस्करण और निर्यात के अवसरों पर भी जानकारी दी गई।
मत्स्य किसान, अजय कुमार ने बताया,
“NFDP से मत्स्यपालकों को बड़ी सहूलियत मिलेगी। पहले हमें योजनाओं की जानकारी और सहायता के लिए अलग-अलग दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते थे, लेकिन अब डिजिटल माध्यम से सब कुछ आसान हो जाएगा।”
सरकारी सहायता और योजनाओं की जानकारी
सहायक निदेशक उद्यान दरभंगा ने मत्स्यपालकों के लिए उपलब्ध सरकारी सहायता योजनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि सरकार नई मत्स्यपालन तकनीकों, फीड सब्सिडी, जल प्रबंधन और बाजार उपलब्धता में किसानों की सहायता कर रही है।
इसके अलावा, सीएससी प्रबंधक दरभंगा ने NFDP पर ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया, ऋण और बीमा सुविधाओं के बारे में विस्तार से बताया।
निष्कर्ष: डिजिटल क्रांति से मत्स्यपालन को नया आयाम
इस कार्यक्रम ने दरभंगा जिले के मत्स्यपालकों को तकनीक और डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना और NFDP के माध्यम से मत्स्यपालकों को योजनाओं का सीधा लाभ मिलेगा और मत्स्य उद्योग को नया आयाम मिलेगा।
मत्स्यपालकों को जल्द से जल्द अपने नजदीकी CSC केंद्र या जिला मत्स्य कार्यालय में जाकर NFDP पर पंजीकरण कराने की अपील की गई है ताकि वे सभी सरकारी योजनाओं और लाभों से जुड़ सकें।
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