
🟥 ब्रेकिंग न्यूज़ | सहारनपुर शिवालिक वन प्रभाग में RTI का बड़ा खुलासा
न्यूनतम वेतन पर भर्ती और वन दरोगा की तैनाती को लेकर जानकारी छिपाने का गंभीर आरोप
📍 स्थान: सहारनपुर, उत्तर प्रदेश
🗓️ तारीख: अप्रैल 2025
⚠️ शिवालिक वन प्रभाग में सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की उड़ाई जा रही हैं धज्जियां
सहारनपुर के शिवालिक वन प्रभाग में कर्मचारियों की अवैध नियुक्ति और संदिग्ध तैनातियों को लेकर सूचना छिपाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। आरटीआई एक्टिविस्ट द्वारा मांगी गई जानकारी न देने पर अब यह मामला सूचना के अधिकार अधिनियम की प्रथम अपील तक पहुंच चुका है।
🔍 मुख्य आरोप और मुद्दे:
न्यूनतम वेतन कर्मचारी की भर्ती में अनियमितता
– एक ऐसे कर्मचारी को रखा गया है, जिसे 2017 में अवैध खैर की लकड़ी के कटान में लिप्त पाए जाने पर वरिष्ठ अधिकारियों ने हटाने के आदेश दिए थे।वन दरोगा की संदिग्ध तैनाती
– श्रवण कुमार, जो बार-बार प्रतिबंधित प्रजातियों के अवैध कटान के आरोपों में रहे हैं, उन्हें लगातार एक ही क्षेत्र में तैनात रखा गया है, जो सेवा नियमों और वन विभाग की स्थानांतरण नीति के विरुद्ध है।जानकारी छिपाने का आरोप
– जब इस मामले में आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा संबंधित कर्मचारियों की नियुक्ति और तैनाती की जानकारी मांगी गई, तो निर्धारित समय सीमा में कोई उत्तर नहीं दिया गया।
📄 आरटीआई कार्यकर्ता की अपील:
आरटीआई कार्यकर्ता ने सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 19(1) के अंतर्गत प्रथम अपील क्षेत्रीय निदेशक/वन संरक्षक, सहारनपुर कार्यालय में दाखिल की है। उनका आरोप है कि:
“शिवालिक वन प्रभाग का शाकुंभरी रेंज कार्यालय आरटीआई कानून की अवहेलना कर रहा है। यह पारदर्शिता और जवाबदेही के सिद्धांतों का सीधा उल्लंघन है।”
📌 संदेहास्पद नाम और पद:
बृजेश कुमार, पुत्र मोहल्लड सिंह
निवासी: ग्राम बड़कला, तहसील बेहट, जिला सहारनपुर
पद: न्यूनतम वेतन कर्मचारी (पूर्व में दैनिक श्रमिक)
आरोप: 2017 में खैर की लकड़ी की अवैध कटाई में संलिप्तता
श्रवण कुमार, वन दरोगा
कार्य क्षेत्र: सेक्शन शामकुंभरी, शिवालिक वन प्रभाग
आरोप: लगातार एक ही रेंज में तैनाती और प्रतिबंधित प्रजाति के पेड़ों की कटाई में संरक्षण
💬 विशेष विश्लेषण:
यह मामला वन विभाग के भीतर सुनियोजित अनियमितताओं और जवाबदेही से बचने की प्रवृत्ति को उजागर करता है। RTI जैसी मजबूत पारदर्शिता व्यवस्था की उपेक्षा न सिर्फ लोकतांत्रिक प्रणाली के लिए खतरा है, बल्कि यह संभावित भ्रष्टाचार का संकेत भी है।
✍️ रिपोर्ट:
एलिक सिंह
संपादक – वन्दे भारत लाइव टीवी न्यूज़
जिला प्रभारी – भारतीय पत्रकार अधिकार परिषद
📞 मो.: 8217554083