उत्तर प्रदेशबस्ती

लाखों रुपए खर्च: चालू होने से पहले खंडहर में तब्दील हो गया आरआरसी सेंटर

✍️अजीत मिश्रा (खोजी)✍️ 

।।लाखों रुपए खर्च: चालू होने से पहले खंडहर में तब्दील हो गया आरआरसी सेंटर।।

संतकबीरनगर। जिले में करोड़ रुपये खर्च करने के बावजूद, गांवों में कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था नाकाम है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्राम पंचायतों में बनवाए गए अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र (आरआरसी सेंटर) मकसद पर खरे नहीं उतरे हैं। जनपद के अधिकतर ग्राम पंचायत में इस स्थिति बद से बदतर बनी हुई है, जहां जिम्मेदारों द्वारा आरआरसी सेंटर निर्माण के नाम पर लाखों रुपए खर्च तो कर दिए गए लेकिन वे मतलब साबित हो रहे हैं। ऐसा ही कुछ नजारा जनपद के विकासखंड बेलहर कला के ग्राम पंचायत पड़िया में देखने को मिला जहां अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र (आरआरसी सेंटर) चालू होने के पहले ही टीन सेट उजड़ गया। मजे की बात तो यह है कि जिम्मेदारों द्वारा आरआरसी भवन निर्माण के नाम पर लगभग 200000 से ऊपर की रकम का भुगतान भी कर लिया गया, और निर्माण कार्य अधूरा छोड़ दिया गया। ग्राम पंचायत में बने आरआरसी सेंटर कूड़ा निस्तारण के काम कब आएगा! बता दें की अपशिष्ट प्रबंधन के लिए सूखा, गीला, प्लास्टिक, कांच पालीथीन और गोबर का कूड़ा फेंकने के लिए अलग-अलग चेंबर बनाए गए है। घरों से कूड़ा इकट्ठा इसमें जमा करना है ताकि इस कूड़े का निस्तारण कर उसे जैविक खाद में तब्दील किया जा सके। जिले में फिलहाल यह मकसद शासन की मंशा पर खरा नहीं उतर रहा है। कूड़ा निस्तारण के लिए शासन ने खूब बजट जारी किया और प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर में आरआरसी बनवाने के निर्देश दिए हैं। जिला पंचायती राज विभाग ने शासन के दिशा-निर्देशों का पालन किया और बजट को ठिकाने लगाने का काम भी किया, लेकिन जिस उम्मीद से सेंटरों का निर्माण कराया गया, वह नाकाम रहे। ग्राम पंचायतों में कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था पर खर्च हुआ बजट बेकाम साबित हो रहा है। गांव की गलियों और मोहल्लों में कूड़ें के ढेर का अंबार लगा है और आरआरसी सेंटरों पर कंडा, बास, बल्लियां या फिर गांव वालों की अन्य जरूरतों का सामान उसमें जमा हो रहा हैं। कहीं पर इसमें ताला लटक रहा है तो कहीं यह बदहाली की कगार पर खड़े है। जिसे कोई देखने वाला नहीं है जिम्मेदारों ने भी बजट खर्च कर अपनी जिम्मेदारी से मुंह फेर लिया हैं। ग्राम पंचायत पडिया में निर्मित आरआरसी सेंटर निर्माण के दौरान मानकों की अनदेखी की कहानी बयां कर रहा है। नाम न छापने की शर्त पर ग्रामीण ने बताया कि ग्राम प्रधान व ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों द्वारा सिर्फ बजट के बंदरबाट के लिए ग्राम पंचायत के खलिहान की भूमि पर उक्त केंद्र का निर्माण करा दिया गया। जो आबादी के बीच में है, जिस दिन यह सेंटर चालू हो जाएगा तो आसपास के घरों के लिए मुसीबत साबित होगा।
वही पूरे मामले पर जब जिला पंचायत राज अधिकारी मनोज कुमार से जानकारी ली गई तो उन्होंने कहा कि मै यह कार्यक्रम में व्यस्त हूं अभी हम कोई बात नहीं कर पाएंगे।

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