
रिपोर्ट:- देवेन्द्र सुथार
रोहट यात्रा पश्चिमालाप में आज रंगीनी बिखेरेगी लोक संस्कृति, भारत की विविधता का जश्न
पाली के आदर्श विद्या मंदिर माध्यमिक विद्यालय में आज शाम 6 बजे से शुरू होने वाला “यात्रा पश्चिमालाप (सांस्कृतिक संध्या)” कार्यक्रम पश्चिम भारत की समृद्ध लोक कलाओं का अद्भुत प्रदर्शन होगा। राजस्थान से कालबेलिया, भवई, गवरी और भपंग वादन; गुजरात से सिद्ध धमाल और डांडिया; महाराष्ट्र से सोंगी मुखवटा और लावणी; गोवा के समई और देसीनी नृत्य; मध्य भारत से भगौरिया; पंजाब-हरियाणा का भंगड़ा और केंद्र शासित प्रदेशों के इंगाली नृत्य दर्शकों का मन लुभाएंगे।
यह कार्यक्रम पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र उदयपुर तथा जिला प्रशासन पाली के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित है, जिसका उद्देश्य लोक कला को बढ़ावा देना और आमजन को राष्ट्रीय सांस्कृतिक विरासत से जोड़ना है। CBEO कार्यालय के रिसोर्स पर्सन दिलीपसिंह राठौड़ चोटिला ने बताया कि यह सांस्कृतिक संध्या लोक कला संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इस रंगमंच पर अलग-अलग राज्यों के कलाकारों की पारंपरिक वेशभूषा, संगीत और नृत्य का जादू देखने को मिलेगा, जो भारतीय विविधता की खूबसूरती को बखूबी दर्शाएगा।