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गरियाबंद : कृषि विज्ञान केन्द्र में औषधीय एवं सगंध फसलों पर एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न

गरियाबंद के प्रमुख डॉ. मनीष चौरसिया ने छत्तीसगढ़ में औषधीय एवं सगंध फसलों की व्यवसायिक खेती का महत्व के बारे में जानकारी दी।

गरियाबंद : कृषि विज्ञान केन्द्र में औषधीय एवं सगंध फसलों पर एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न
रिपोर्ट – ईश्वरसिंह यादव

कृषि विज्ञान केन्द्र, गरियाबंद में 21 फरवरी को अनुसूचित जनजाति उपयोजना एवं अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना (औषधीय एवं सगंध फसल) के अन्तर्गत इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के पादप कार्यिकी, कृषि जैव रसायन, औषधीय एवं सगंध विभाग द्वारा औषधीय एवं सगंध फसलों पर एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में कृषकों का स्वागत उदबोधन करते हुए कृषि विज्ञान केन्द्र, गरियाबंद के प्रमुख डॉ. मनीष चौरसिया ने छत्तीसगढ़ में औषधीय एवं सगंध फसलों की व्यवसायिक खेती का महत्व के बारे में जानकारी दी। औषधीय एवं सगंध विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. यमन देवांगन ने विभिन्न औषधीय फसल जैसे तुलसी, चन्द्रसुर, लेमनग्रास, अश्वगंधा, सर्पगंधा आदि पौधों की उन्नत उत्पादन तकनीको की जानकारी दी। इं.गां.कृ.वि.वि. की वैज्ञानिक डॉ. ऐलिस टिर्की ने विभिन्न सुगंध फसल निम्बूघास, सिट्रोनला, तुलसी आदि पौधों की उन्नत किस्मों की पहचान, उनके गुण एवं उपयोग के बारे में विस्तृत जानकारी दी। साथ ही साथ के.वी.के. गरियाबंद के वैज्ञानिक मनीष आर्या, डॉ. शालू एन अब्राहम, इंजीनियर प्रवीण कुमार जामरे, डॉ. ज्योतिरमा भारद्वाज एवं तुषार मिश्रा उपस्थित थे। उक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान विकासखंड गरियाबंद के ग्राम बारूका, टोईयामुड़ा, कोकड़ी, नहरगांव, घटकर्रा एवं कृषक उत्पादक विपणन सहकारी समिति छुरा के किसानों को पान, अश्वगंधा, इन्सुलिन पौधा, तुलसी, ऐलोवेरा इत्यादि के पौधों के साथ जैव उवैरक पी.एस.बी., ऐजेटोबैक्टर एवं प्रमाण पत्र का भी वितरण किया गया। उक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम में 52 किसानों ने भाग लिया।

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