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बियाडा के पूर्व अध्यक्ष विजय झा के सुझाव पत्र पर राष्ट्रपति ने लिया संज्ञान*

*बियाडा के पूर्व अध्यक्ष विजय झा के सुझाव पत्र पर राष्ट्रपति ने लिया संज्ञान*

*यौन उत्पीड़न से संबंधित कानून में कठोर प्रावधान जोड़ने का किया है आग्रह*

*कतरास:* आरजी कर मेडिकल कॉलेज कोलकाता में घटित घटना के बाद बियाडा के पूर्व अध्यक्ष विजय कुमार झा ने राष्ट्रपति को महिलाओं से संबंधित अपराध पर कानून को और कठोर बनाए जाने के लिए 11 सूत्री सुझाव पत्र प्रेषित किया था. राष्ट्रपति ने उनके याचिका पर संज्ञान लेकर स्वीकृति देते हुए सचिव, भारत सरकार (गृह मंत्रालय) को 13 सितंबर को पत्र प्रेषित किया है. विजय कुमार झा ने बताया कि इस बाबत राष्ट्रपति सचिवालय के अवर सचिव पीसी मीणा द्वारा याचिकाकर्ता को इसकी जानकारी 13 सितंबर को पत्र द्वारा दी गई है, जो उन्हें 26 सितंबर को प्राप्त हुआ है. बियाडा के पूर्व अध्यक्ष ने सुझाव को अग्रसारित करने हेतु साधुबाद देते हुए बताया कि यौन उत्पीड़न से संबंधित स्थापित कानून में और कड़े प्रावधान जोड़ने के लिए पत्र प्रेषित किया था. सुझावों में ऐसे सभी मुकदमे की जाँच सीबीआई से कराने, ऐसे मुकदमे का इन्वेस्टिगेशन के बाद न्यायालय में आरोप-पत्र समर्पित करने का समय 30 दिन करने, ऐसे सभी मुकदमे का निचली अदालत ‌द्वारा 100 दिन के अंदर फैसला अनिवार्य करने, निचली अदालत के द्वारा फैसला देने के बाद सिर्फ एक अपील का प्रावधान, ऐसे सभी मुकदमे के लिए स्पेशल कोर्ट का गठन करने, गठित स्पेशल कोर्ट में दिन रात, रविवार के साथ साथ सभी छुट्टियों के दिन भी सुनवाई करने, यौन उत्पीड़न के मामले में मुख्य आरोपी को फांसी से कम कोई भी सजा नहीं देने, ऐसे कांड में संलिप्त व्यक्ति को अव्यस्कता (माइनर) के आधार पर कोई छूट नहीं देने, अभियुक्त जब तक जेल में रहे तब तक एक दिन के लिए भी उसे किसी भी आधार पर पेरोल नहीं देने, सजा प्राप्त व्यक्ति को जेल के अंदर अलग सेल में बिल्कुल अकेला रखने, ऐसे मुकदमे में सजा प्राप्त व्यक्ति के सभी मौलिक अधिकार, कानूनी अधिकार और संवैधानिक अधिकार को समाप्त करना शामिल है.

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