
गाजीपुर। स्टांप कमी पकड़े जाने पर चल रहे मुकदमे से छुटकारा पाने के लिए शासन ने समाधान योजना लागू की है। ऐसे में जिले के 637 लोगों के पास अधिकतम स्टांप ड्यूटी से चार गुना जुर्माना देने से बचने का मौका मिला है। इनपर 12.26 करोड़ रुपये का स्टांप कमी का मुकदमा लंबित है। योजना 31 मार्च तक ही लागू रहेगी। योजना के तहत 100 रुपये की रसीद कटवानी होगी और एक महीने में मुकदमे का निबटारा हो जाएगा। प्रदेश में बड़ी संख्या में भारतीय स्टांप अधिनियम 1899 के अंतर्गत स्टांप वाद लंबित हैं। ऐसे में सरकार ने स्टांप कमी की धनराशि जल्द प्राप्त करने, संबंधित पक्षकारों को भी न्याय में देरी होने के कारण बढ़ने वाली ब्याज की देयता और अर्थदंड से राहत दिलाने का निर्णय लिया है। इस संबंध में 26 दिसंबर को जारी पत्र के मुताबिक 25 दिसंबर तक इस तरह के लंबित मुकदमों के पक्षकारों को योजना का लाभ मिल सकेगा। यह योजना 31 मार्च तक ही लागू है। जिले के 637 लोगों के 12.26 करोड़ रुपये के स्टांप कमी के मुकदमे डीएम, एडीएम और एआईजी स्टांप की कोर्ट में लंबित हैं। ऐसे लोग यदि स्टांप कमी और ब्याज देने को तैयार हैं तो उन्हें योजना के तहत 100 रुपये टोकन अर्थदंड की धनराशि को जमा करना होगा। ऐसा करने पर उन्हें स्टांप शुल्क के अधिकतम चार गुने के जुर्माने से राहत मिल जाएगी। साथ ही उनके मुकदमे प्रार्थना पत्र देने के एक माह के अंदर प्राथमिकता के आधार पर निस्ताारित होंगे।
स्टांप कमी पकड़े जाने पर चल रहे मुकदमे से छुटकारा पाने और अधिकतम स्टांप ड्यूटी से चार गुना जुर्माना देने से बचने का शासन ने अच्छा मौका दिया है। समाधान योजना का लाभ 26 दिसंबर के पहले लंबित मुकदमों में पक्षकारों को मिलेगा। योजना 31 मार्च तक ही है।- प्रेम प्रकाश एआईजी स्टांप