
स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी अनंत लक्ष्मण कन्हेरे को श्रद्धांजलि – निहोरे
7 जनवरी 1892 को इंदौर मे जन्म लिया उसके बाद इनके पिताजी इन्हे नासिक मे ले गए एवं 19 अप्रेल 1910 को उन्हें ब्रिटिश गवर्मेँट द्वारा फांसी दे दी गयी थी
आज इस महान स्वतन्त्रता सेनानी की पुण्य तिथि है सिर्फ 19 वर्ष की आयु मे अंग्रेजो ने इन्हे फांसी दे दी थी
युवा नेता राहुल निहोरे ने बताया की इतिहास मे ऐसे हज़ारो गुमनाम क्रन्तिकारी हुए जिन्होंने अपने प्राणो के बलिदान दे दिए आज वर्तमान की जो आजादी है उस आजादी की क़ीमत वो शहीद चूका चुके है
ऐसे ही देश के लाल शहीद अनंत लक्ष्मण कुन्हेरे थे
ज़ब अनंत देश मे ब्रिटिश गवर्मेँट के खिलाफ कार्य कर रहे थे तब उनके साथियो को ब्रिटिश सरकार के नासिक जिला कलेक्टर आर्थर मेसन टिपेट्स जैक्सन जो की एक ज़ालिम कलेक्टर था स्वतन्त्रता संग्राम के साथियो को मारना एवं उनके साथ क्रूरता की सारी हदे पार कर के जेक्शन को मज़ा आता था उसके लिए गरीब देश वासियो का दर्द एक मज़ा था खेल था परन्तु अनंत कुन्हेरे ने ज़ब ये सब मंजर देखा तो उनके मन मे एक क्रोध आ गया और उसने ब्रिटिश सरकार को सबक सिखाने का संकल्प लिया
21 दिसम्बर 1909 को ज़ब नासिक कलेक्टर जेक्शन एक कार्यक्रम मे जा रहा था तब योजना बध्य तरिके से अनंत कुन्हेरे एवं उनके साथियो ने जेक्शन को गोली मार कर लंदन की रानी का तख्त हिला दिया
अंग्रेजो के खिलाफ उन्ही के जिला कलेक्टर को मारना याने अंग्रेजी हुकूमत को डगमगा दिया था ब्रिटिश सरकार डर गयी थी और देश मे एक नई लहर आयी थी
लंदन से फरमान आया की अनंत कुन्हेरे को पकड़ा जाये और पूरी हुकूमत उन्हें पकड़ने के लिए लग गयी और अंतः अनंत कुन्हेरे पकड़े गए
उन्होंने ब्रिटिश सरकार के सामने झुकने से मना कर दिया फ्लस्वरूप उन्हें 19 अप्रेल 1910 को सिर्फ 19 वर्ष की आयु मे ही फांसी दे दी गयी
इतनी कम उम्र मे देश के नो जवानो को स्वतंत्रता का एक नया पाठ पढ़ा दिया और हॅसते हॅसते फांसी के फंदे को चुम लिया
ऐसे वीर शहीदो को युवा नेता राहुल निहोरे द्वारा उनकी पुण्य तिथि पर सादर श्रद्धांजलि दी गयी