
महाराष्ट्र, के अकोला जिले मे जंगल औसतम 33℅होना चाहिये था!पर 2℅से भी कम है जंगल.!
कौन है जुमेदार,पर्यावरण बदल को,? वैज्ञानिक ईस दौर मे विकास जरुरी है,!साथ मे ‘वसुंधरा’पर्यावरण जरुरी है!कुदरती पर्यावरण के साथ,साथ,विकास मे संतुलन बेहद जरुरी होता है!ताकी जीवन को सुरक्षित तथा,निरोगी रखा जाये,!पर क्या प्रशासन,समंधित विभाग अपना दायीत्व निभा रहे है!पर्यावरण पुरक धोरण कही दिखाई पड ही नही रहा!जो दिखाया जा रहा है,वह कागजो,और कार्यालयो मे!क्या कुदरत को हम नजरअंदाज कर सकते है!क्या वसुंधरा को षभखषअ
सुनमे आया है अकोला जिल्हे मे जो जंगल है!वह पर्यावरण नियमानुसार 33℅होना चाहिये, वह 2℅से भी कम है,!क्या यह माणव के साथ साथ सजीव जीवन,के लीये घातक,बाधक नही?!आज हमारे कुदरत का चक्र बाधित हो गया है जो,!आनंदफानन मे सुधारना चाहिये.!कुदरत,पर्यावरण, बाधीत ना हो,! हर तरहसे युद्धस्तर पर काम हो!