
नई दिल्ली, ब्यूरो रिपोर्ट |
देशभर में चिटफंड घोटालों से प्रभावित लाखों लोगों को राहत की उम्मीद बंधाते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि सरकार गरीबों की खून-पसीने की कमाई को चिटफंड में डूबने नहीं देगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
ठाकुर ने बताया कि वर्ष 2019 में लागू किया गया “बटूस एक्ट” (Banning of Unregulated Deposit Schemes Act) इस तरह की अवैध जमा योजनाओं पर नकेल कसने के लिए लाया गया था। इसके तहत गैर-पंजीकृत और धोखाधड़ी करने वाली कंपनियों के खिलाफ कड़े दंड और कानूनी प्रावधान किए गए हैं।
क्या कहा ठाकुर ने?
देश में चिटफंड जैसी अवैध स्कीमों के कारण लाखों लोग अपने जीवन भर की जमा पूंजी गंवा चुके हैं। लेकिन अब सरकार की मंशा स्पष्ट है – गरीबों का एक भी पैसा डूबने नहीं दिया जाएगा।
बटूस एक्ट का प्रभाव:
2019 में लागू इस कानून के अंतर्गत अब तक हजारों शिकायतें दर्ज की गई हैं और कई फर्जी कंपनियों पर ताले लग चुके हैं। कानून में दोषियों को 10 साल तक की सजा और भारी जुर्माने का प्रावधान है।
जनता को सलाह:
सरकार ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी निवेश से पहले संस्था की वैधता की जांच करें और किसी लालच में न आएं। साथ ही, कोई भी अनियमितता पाए जाने पर तुरंत संबंधित अधिकारियों या पोर्टल पर शिकायत दर्ज करें।
विशेषज्ञों की राय:
वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह कानून पहले प्रभावी ढंग से लागू होता और निगरानी व्यवस्था मजबूत होती, तो लाखों लोग चिटफंड घोटालों का शिकार होने से बच सकते थे।
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