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दरभंगाबिहार

महिला संवाद कार्यक्रम ने जगाई सशक्तिकरण की आग!

दरभंगा में महिला संवाद कार्यक्रम से ग्रामीण महिलाओं में जागरूकता और सशक्तिकरण की नई लहर, सरकारी योजनाओं की जानकारी और सामाजिक परिवर्तन।

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महिला संवाद कार्यक्रम से ग्रामीण इलाकों में जागरूकता और सहभागिता की नई लहर

दरभंगा, 22 मई 2025 | 
दरभंगा जिले में आयोजित महिला संवाद कार्यक्रम ने ग्रामीण समाज में एक नई ऊर्जा का संचार किया है। खासतौर पर महिलाओं, किशोरियों और पुरुषों की सक्रिय भागीदारी ने यह साबित कर दिया है कि यदि सही मंच मिले तो ग्रामीण भारत भी बदलाव की दिशा में ठोस कदम उठा सकता है।

आज जिले के 50 ग्राम संगठनों में यह कार्यक्रम संपन्न हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने हिस्सा लिया और विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी प्राप्त की। कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड के उज्जवा पंचायत में मोर ग्राम संगठन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में डीपीएम डॉ. ऋचा गार्गी ने स्वयं भाग लिया।

डॉ. गार्गी ने महिलाओं को प्रेरित करते हुए कहा,

“जो महिलाएं अब तक किसी कारण जीविका से नहीं जुड़ पाई हैं, वे आगे आकर इस अभियान का हिस्सा बनें।”

उन्होंने बताया कि जीविका के माध्यम से महिलाएं आर्थिक, सामाजिक और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सशक्त हो रही हैं। विशेष रूप से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं को प्राथमिकता के साथ समूहों से जोड़ा जा रहा है ताकि वे भी विकास की मुख्यधारा में आ सकें।

बीपीएम अन्नू कुमारी ने कहा कि यह कार्यक्रम ग्रामीण महिलाओं के लिए एक सशक्त मंच बन गया है। यहां उन्हें सरकारी योजनाओं की जानकारी, सामाजिक भागीदारी और आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रेरणा मिल रही है।

कार्यक्रम में उपस्थित कई महिलाओं ने अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि सरकारी योजनाओं ने उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाए हैं। उन्होंने सड़क, बिजली और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की सराहना की, साथ ही बाढ़ और जलजमाव के स्थायी समाधान, जलीय कृषि, पौधों की उपलब्धता और मक्का आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने की आवश्यकता जताई।

महिलाओं ने यह भी अपेक्षा की कि सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य और स्थायी स्वरोजगार को और प्राथमिकता दे। कार्यक्रम में जिला कार्यालय से नरेश कुमार, आशीष कुमार, मनोरमा कुमारी, और बीपीआईयू से अमित कुमार, चंदन कुमार, नागेन्द्र कुमार, तथा बबीता कुमारी सहित कई कैडर सक्रिय रूप से शामिल रहे।

कार्यक्रम के अंत में महिलाओं ने सामाजिक बुराइयों के खिलाफ एकजुटता दिखाते हुए संकल्प लिया कि वे बाल विवाह, घरेलू हिंसा और नशाखोरी को अपने गांव से मिटाकर एक आदर्श गांव का निर्माण करेंगी।

महिला संवाद की यह पहल अब महज़ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक आंदोलन बनती जा रही है। यह मंच न केवल महिलाओं को आत्मविश्वास और नेतृत्व की ताकत दे रहा है, बल्कि ग्रामीण भारत को आत्मनिर्भर और सामाजिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

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