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 जिस वक्फ संपत्ति की आमदनी से गरीब, जरूरतमंद लोगों की मदद की जाना थी, उसको कमेटी के जिम्मेदार बनाए गए लोगों ने अपनी कमाई का जरिया बना लिया

 जिस वक्फ संपत्ति की आमदनी से गरीब, जरूरतमंद लोगों की मदद की जाना थी, उसको कमेटी के जिम्मेदार बनाए गए लोगों ने अपनी कमाई का जरिया बना लिया। बोर्ड की अनुमति या सूचना के बिना ही बड़ा निर्माण भी कराया गया और इसकी आमदनी को अपनी निजी आय मानते हुए खर्च भी कर दिया गया। अब बदली हुई व्यवस्था में मामले की जांच की गई तो पूर्व कमेटी पर 7 करोड़ रुपए से ज्यादा वसूली निकाली गई है। मप्र वक्फ बोर्ड पूर्व कमेटी के पदाधिकारियों को इस रकम के जमा करने का नोटिस जारी दिया है। मप्र वक्फ बोर्ड के इतिहास में संभवतः यह पहली बार हुआ है, जब किसी अपदस्थ कमेटी पर इतनी बड़ी रकम की वसूली का नोटिस जारी हुआ है।

मामला उज्जैन स्थित वक्फ दरगाह मदार गेट से जुड़ा है। यहां कार्यरत रही रियाज खान की अध्यक्षता वाली निवृत्तमान कमेटी ने बरसों व्यवस्था संभाली है। लेकिन मप्र वक्फ बोर्ड कुछ समय पहले यहां कमेटी में बदलाव कर फैजान खान की अध्यक्षता में एक नई कमेटी गठित कर दी है। पुरानी और नई कमेटी के बीच लंबे समय तक विवाद भी चले हैं। नियुक्ति, पदभार और आय व्यय का ब्यौरा देने को लेकर कई अदालती मामले भी चले। जिसके बाद अब ताजा मामला मप्र वक्फ बोर्ड द्वारा जारी किया गया नोटिस है।

 

क्या है मामला

उज्जैन में मदार गेट स्थित लगभग 45000 वर्गफीट की इस वक़्फ़ संपत्ति पर 115 दुकानें, 16 आफिस, 02 स्कूल, 01 मैरिज हॉल, मस्जिद और मज़ार हैं। यहां करीब 26 सालों से रियाज़ खान की अध्यक्षता वाली समिति प्रबंधन देख रही थी। कार्यालय द्वारा आदेश क्र 2655 दिनांक

2 अगस्त 23 पूर्व सदर के सम्पूर्ण कार्यकाल के लेखों के निरक्षण एवं परीक्षण करने के लिए जांच कमेटी गठित की गई थी।

 

मामला गड़बड़ है

गठित जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि पूर्व कमेटी पदाधिकारियों द्वारा मदार गेट काम्प्लेक्स को निजी रूप से संचालित कर वर्षो से किराया उनकी जेब में जा रहा था। जांच में यह भी पाया गया कि पूर्व सदर रियाज खान द्वारा उक्त वक़्फ़ भूमि पर वक़्फ़ संपत्तियों के विकास की योजना के तहत 115 दुकानों, 02 स्कूल बिल्डिंग तथा 15 ऑफिस रूम एवम मैरिज हॉल का निर्माण वक़्फ़ संपत्ति के रूप में कर लिया। इस काम्प्लेक्स निर्माण की जानकारी मप्र वक़्फ़ बोर्ड को नही दी गई। किरायदारों से होनी वाली आय का हिसाबभी मप्र वक़्फ़ बोर्ड को नहीं दिया गया। जाँच में यह भी पाया गया कि वक़्फ़ संपत्ति और उसकी आय का दुरुपयोग कपटपूर्वक प्रतिधारण करते हुए अनियमित तथा अप्राधिकृत तथा अनुचित व्यय किया गया है।

 

इनका कहना है

वक्फ संपत्तियों की निगरानी के लिए गठित की जाने वाली कमेटियां मनमाने तरीके से वसूली और खर्च कर रही हैं। इससे वक्फ का मकसद पूरा नहीं हो पा रहा है। प्रदेश की ऐसी सभी कमेटियों की जांच की जा रही है। दोषी पाए जाने वालों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं।

डॉ सनव्वर पटेल

अध्यक्ष, मप्र वक्फ बोर्ड

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भोपाल से खान आशु की रिपोर्ट

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