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मछुआरों की दाल में फांसी 65 की मछली

कवर्धा जिले के सरोदा जलाशय में 6 फीट लंबी और 65 किलो वजनी मछली मिली है। ​​​​यह ब्लैक कार्प प्रजाति की मछली है। हालांकि बाद में मछुआरों ने उसे स्थानीय बाजार में बेच दिया। इससे 9 महीने पहले इसी जलाशय में 80 किलो की मछली (बीटकार) मिली थी।

जानकारी के मुताबिक, ​मछुआरे ने सोमवार को सुबह मछली पकड़ने के लिए जाल डाला था। अचानक जाल भारी हो गया। मछुआरे को लगा कि जाल में कोई बड़ा पत्थर या भारी चीज फंस गया है। उसने जाल खींचने की कोशिश की, लेकिन वह असफल रहा। इसके बाद बाकी मछुआरों को बुलाया गया।

सरोदा जलाशय में 6 फीट लंबी और 65 किलो वजनी मछली मिली है।
सरोदा जलाशय में 6 फीट लंबी और 65 किलो वजनी मछली मिली है।

जाल में फंसी ब्लैक कार्प प्रजाति की मछली

तीन साथियों की मदद से जाल को बाहर निकाला गया। जैसे ही मछुआरों ने उसे बाहर निकाला, तो देखा कि उसमें एक विशाल मछली फंसी हुई है। यह ब्लैक कार्प प्रजाति की मछली है, जिसका शरीर फ्यूसीफॉर्म होता है। वे गहरे भूरे, भूरे या नीले काले रंग के दिखाई देते हैं। उनके पंख गहरे रंग के होते हैं।

कवर्धा के सरोदा जलाशय में यह ब्लैक कार्प प्रजाति की मछली है।
कवर्धा के सरोदा जलाशय में यह ब्लैक कार्प प्रजाति की मछली है।

सरोदा जलाशय बड़ी मछलियों का ठिकाना

मछुआरों का कहना है कि सरोदा जलाशय बड़ी मछलियों का ठिकाना है। यहां 80 किलो वजन की मछली भी पकड़ी गई थी। इस बार 65 किलो की मछली भी बड़ी उपलब्धि है। इस बड़ी मछली को पकड़ने में मछुआरा समिति के सदस्य हीरालाल मल्लाह, सुखदेवराम मल्लाह और राजेंद्र मल्लाह की अहम भूमिका रही।

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