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बिहार के ६० हेड मास्टर 50 के फेर में फंसे शिक्षा विभाग ने रोक दिया वेतन जाने पूरा क्या है मामला पढ़े रिपोर्ट में

शिक्षा विभाग ने रोका वेतन, बिहार के 60. हेड मास्टर का

मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में बच्चों का अपार बनाने का काम तेजी से चल रहा है, लेकिन कुछ स्कूल पीछे रह गए हैं। जिन स्कूलों में 50 प्रतिशत से कम बच्चों का अपार बना है, उनके हेडमास्टरों का वेतन रोक दिया गया है। यह कार्रवाई लगभग 60 स्कूलों पर की गई है। जिला प्रशासन ने सभी स्कूलों को 5 फरवरी तक 80 फीसदी बच्चों का अपार बनाने का निर्देश दिया है।

कई प्रखंडों में 50% बच्चों का भी अपार नहीं
मुशहरी और मोतीपुर प्रखंड सबसे पीछे चल रहे हैं। इन प्रखंडों में 50% बच्चों का भी अपार नहीं बन पाया है। मुशहरी में 513 स्कूल हैं और 1,22,809 बच्चे हैं। इनमें से सिर्फ 56,000 बच्चों का ही अपार बना है। मोतीपुर में 316 स्कूल हैं और 77,000 से ज्यादा बच्चे हैं। इनमें से केवल 38,000 बच्चों का ही अपार बना है।

मुरौल प्रखंड सबसे आगे
सबसे आगे मुरौल प्रखंड है। यहां 91 स्कूलों में 16,000 बच्चे हैं। इनमें से 11,000 से ज्यादा बच्चों का अपार बन चुका है। यह लगभग 72% है। दूसरे नंबर पर बोचहां प्रखंड है। यहां 242 स्कूलों में 48,264 बच्चे हैं। इनमें से 71% बच्चों का अपार बन चुका है। बाकी प्रखंडों में 50% से 60% के बीच बच्चों का अपार बना है।

मुजफ्फरपुर जिले में 3500 स्कूल
बिहार शिक्षा विभाग के अनुसार, जिले में कुल साढ़े तीन हजार स्कूल हैं जहां बच्चों का अपार बनना है। जिन स्कूलों में 50% से कम बच्चों का अपार बना है, उन्हें 5 फरवरी तक 80% बच्चों का अपार बनाने का लक्ष्य दिया गया है। अगर वे ऐसा नहीं कर पाते हैं तो आगे भी कार्रवाई हो सकती है।

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