बस्ती

कब्र से खोदकर निकाले गए शव का अब टावर लोकेशन खोलेगा बहुचर्चित छात्रा रागिनी की मौत का राज

एक सप्ताह बीतने के बाद भी छात्रा रागिनी के मौत की नहीं सुलझी गुत्थी , मौज मार रहे अपराधी*

– पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पुष्टि हुई है कि छात्रा रागिनी ने नही की थी आत्महत्या – सूत्र

– शिक्षक और परिजनों ने झूठ बोल कर पुलिस को किया था गुमराह

– कब्र से खोदकर निकाले गए शव का अब टावर लोकेशन खोलेगा बहुचर्चित छात्रा रागिनी की मौत का राज

– परिवार और शिक्षक की भूमिका रागिनी के मौत मामले में संदेह के घेरे में

बस्ती संवाददाता ( 19 फरवरी 2025 ) कप्तानगंज थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत कुढ़वा के राजस्व गांव खपड़ही में स्थित कंपोजिट विद्यालय खपड़ही में बीते दस फरवरी को दिन में मिले छात्रा रागिनी के शव की गुत्थी सुलझाने और साक्ष्य संकलन में पुलिस टीमें लगातार जुटी हुई हैं पर अभी पुलिस अपराधियों तक नहीं पहुँच पायी है जिसके कारण अपराधी मौज कर रहे हैं और क्षेत्र में पुलिस की भूमिका को लेकर तरह – तरह की चर्चाएं कर रहे हैं । सूत्रों की माने तो मृतका के परिजनों के मोबाइल का काल डिटेल रिकार्ड व टावर डंप लोकेशन पुलिस ने निकाल कर उस पर मंथन शुरू कर दिया है घटना के तीन दिन बाद मामला तूल पकड़ने के बाद जिलाधिकारी के निर्देश पर तहसीलदार की उपस्थिति में कब्र से शव निकाल कर छात्रा की पोस्टमार्टम कराया गया था । जनचर्चाओ की माने तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट में शाक्ड एंड हैमरेज आया था जिससे मृत्यु की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी जिसके बाद बिसरा सुरक्षित कर उसके नमूने को फोरेंसिक साइंस लैब गोरखपुर को उपलब्ध करा दिया गया है। पुलिस की प्राथमिक जांच में यह बात साबित हो चुकी है कि रागिनी ने आत्महत्या नहीं की है बल्कि उसकी हत्या की गई है । हत्यारे द्वारा हत्या का मकसद साबित करने में पुलिस की कई टीमें लगी हैं।

       प्राप्त जानकारी के अनुसार पुलिस अधीक्षक अभिनंदन खुद ही घटना को संज्ञान में लेकर सक्रिय हैं । घटना के एक सप्ताह बाद भी परिजन पुलिस को बात-बात पर गुमराह करते जा रहे हैं हत्या की वारदात की जांच-पड़ताल में पुलिस का कोई सहयोग नहीं कर रहे हैं। परिजन पुलिस को जो भी मृत्यु का कारण बता रहे थे उनपर विश्वास नहीं किया जा सकता है उनके अनुसार छात्रा मानसिक रूप से बीमार चल रही थी उसने आत्महत्या कर ली जबकि सीन आफ क्राइम व पीएम रिपोर्ट में आत्महत्या की पुष्टि नहीं हो सकी। घर वाले झूठ बोल रहे थे कि उन्होंने शव को जला कर अंत्येष्टि की थी जबकि वास्तविकता यह थी कि शव को दफनाया गया था सख्ती करने पर असलियत बताई तब जाकर शव को कब्र से निकाल कर उसका पोस्टमार्टम कराया जा सका । इस मामले में कड़ी से कड़ी जोड़ने में कई पुलिस टीमें जुटी हुई हैं अबतक जांच में जो भी तथ्य सामने आए हैं उसमें किसी शातिर दिमाग ने ही इस घटना को अंजाम दिया है मामले का पर्दाफाश हर हाल में होगा परिजनों के मोबाइल का सीडीआर, टावर डंप लोकेशन, आइपीडीपीआर निकालकर उसका परीक्षण कराया जा रहा है फोरेंसिक साइंस लैब गोरखपुर में संकलित साक्ष्य का सैंपल रिसीव करा दिया गया है जिसमें कुछ अहम सुबूत हाथ लगे हैं।

      सूत्रों से यह भी पता चला है कि मृतका रागिनी गांव के एक पास्को एक्ट जैसे गंभीर धाराओं के मुकदमें में मुख्य गवाह थी और उक्त मुकदमें की वर्तमान समय में गवाही / बहस / फैसला की प्रक्रिया चल रही है अर्थात निस्तारण / अन्तिम चरण में चल रहा है । पास्को मुकदमें में गवाही होने के पहले रागिनी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत होना चर्चा का विषय बना हुआ है । अब देखना यह है कि कप्तानगंज पुलिस कब रागिनी के मौत का खुलासा करती है ?

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