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मंडला MP हेमंत नायक✍️
#मंडला न्यूज़:–अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर, एकलव्य फाउंडेशन बीजाडंडी टीम ने ब्लॉक के युवाओं के साथ एक ऑनलाइन चर्चा का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में, सुप्रीम कोर्ट के सेंटर फॉर रिसर्च एंड प्लानिंग में पूर्व लॉ रिसर्चर एडवोकेट गरिमा सिदर और जेंडर राइट्स एक्टिविस्ट, डीईआई प्रैक्टिशनर और बाउंडलेस: वॉयस कल्चर पीपल में कंसल्टेंट डॉन हसर ने सम्मानित अतिथि के रूप में भाग लिया। इस चर्चा में बीजाडांडी के टेमिल संचालक उपस्थित थे और शाहपुर (बैतूल), केसला (नर्मदापुरम), धारणी (अमरावती), खुलताबाद (औरंगाबाद) के लगभग 130 साथी ऑनलाइन और 40 साथी ऑफलाइन जुड़े रहे।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर जेंडर समानता पर बातचीत करना बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह न केवल महिलाओं के अधिकारों को पहचानने का अवसर देता है, बल्कि एक समान और न्यायसंगत समाज बनाने की दिशा में उठाए गए कदमों पर भी विचार करने का मौका देता है। इस सत्र में, गेस्ट स्पीकर डॉन हसर ने बताया कि LGBTQIAP+ लोगों की आवाज़ को कोई नहीं सुनता और न ही समझता है। हमारा संविधान भी जेंडर इक्विलिटी की बात करता है, जिसके लिए कई तरह के कानून और प्रावधान बनाए गए हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर समाज में बच्चों का पालन-पोषण इस तरह से होता है कि वे जेंडर को अलग-अलग नजरों से देखने लगते हैं और फिर उनके कामों का भी बंटवारा करते हैं, जिससे वे जेंडर में फर्क करने लगते हैं।
दूसरी गेस्ट स्पीकर एडवोकेट गरिमा सिदार ने बातचीत में बताया कि शिक्षा, रोजगार और निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में महिलाओं, पुरुषों और LGBTQIAP+ को शामिल करना अनिवार्य है, तभी हम समानता की ओर सार्थक रूप से बढ़ पाएंगे। हमारे देश में आजादी के बाद से महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ रहा है। जब महिलाओं को समान अधिकार मिलते हैं, तो समाज में हिंसा, भेदभाव और असमानता कम होती है। इसके अलावा, सभी साथियों के साथ जन गीत गाया गया, जिसके माध्यम से महिलाओं के साथ हो रहे भेदभाव को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं, इस पर विस्तार से बातचीत की गई।
इस अवसर पर, एकलव्य टीम बीजाडांडी से अजिता चेरो, नेहा, अजय हनोते, राम धुर्वे, सूरज धुर्वे, शिव प्रसाद मरकाम, सुरेश पाल, अभिलाष यादव, टूलटूल बिश्वास, निदेश सोनी, खेमप्रकाश यादव और संचालक साथी उपस्थित थे।