
महीनो से डियूटी से गायब सीएचओ नेहा मलिक , जिम्मेदार जानकर बने अनजान
उप स्वास्थ्य केन्द्र पर लटक रहा ताला, बिना उपचार के बैरंग लौट रहे मरीज,भगवान भरोसे चल रही ग्रामीण अंचलों की स्वास्थ्य सेवाएं,ग्रामीणों को नहीं मिल रहा स्वास्थ सेवाओं का लाभ,सीएचसी गौर के अन्तर्गत उप स्वास्थ्य केंद्र बेलसड़ से जुड़ा मामला
गौर बस्ती – गांव के दूर दराज क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हो इसके लिए प्रदेश सरकार ने हेल्थ वेलनेस सेंटर स्थापित किए हैं लेकिन जिम्मेदारों की उदासीनता के चलते स्वास्थ्य उपकेंद्र पर ताला लटका रहता है । फ्री एवं समुचित इलाज के लिए सेंटर पर मरीज पहुंच रहे हैं लेकिन बिना उपचार के बैरंग ही लौटना पड़ रहा है। लोगो मजबूरन निजी या झोलाछाप चिकित्सकों की शरण लेनी पड़ रही है। उप-स्वास्थ्य केन्द्र के कर्मचारियों को लेकर ग्रामीण और जनप्रतिनिधियों में काफी नाराजगी हैं। जिन्होंने कर्मचारियों को बर्खास्त करने की मांग भी की है। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में उपस्वास्थ्य केन्द्र खुलने के बावजूद उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पा रही है। जिसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों का कोई ध्यान नहीं है। कोई निगरानी या दबाव ना होने से केंद्र में पदस्थ स्वास्थ कर्मचारी अपनी मनमर्जी चला रहे सूत्रों की माने हेल्थ वेलनेस सेंटर बेलसड़ पर तैनात सीएचओ नेहा मलिक पिछले कई माह से डयूटी से गायब चल रही है ।
आयुष्मान आरोग्य मंदिर उप स्वास्थ्य केंद्र बेलसड़ के ग्रामीणों ने बताया कि वह उपचार कराने उप स्वास्थ्य केंद्र आए थे लेकिन यहां पर सीएचओ नेहा मालिक मैडम नहीं आई है केंद्र बंद है और ताला लगा हुआ है। मीडिया पड़ताल में हेल्थ वेलनेस सेंटर बेलसड़ का ही नहीं नहीं है। बल्कि ग्रामीण अंचलों के अधिकांश केन्द्रों में इसी तरह की स्थिति बनी हुई है। केन्द्रों के बंद रहने, स्टॉफ की अनुपस्थिति होने के कारण ऐसे गांव में रोगियों का उपचार नीम-हकीमों पर निर्भर है। ग्राम के जागरूकजनों के अनुसार यदि ग्रामीण अंचलों की स्वास्थ सेवाएं बेहर हो जाए तो निश्चित तौर पर ग्रामीणों को राहत मिलेगी। वहीं जिला अस्पताल में भी इसका भार नहीं पड़ेगा। लेकिन जिम्मेदारों का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। पूरा फायदा नीम-हकीम, झोलाछाप चिकित्सक सहित निजी अस्पताल वाले उठा रहे हैं ।
सूत्रों की माने तो उप स्वास्थ्य केन्द्र बेलसड़ पर तैनात सीएचओ नेहा मलिक मथुरा की मूल निवासिनी है जो स्वास्थ्य विभाग एवं राजनीतिक जुगाड़ के सहारे डियूटी से गायब रहती है और कागज में डियूटी करती है जिम्मेदार अधिकारी डियूटी से गायब सीएचओ से प्रतिमाह कमीशन लेकर अपनी जेब कर रहे हैं । उक्त प्रकरण में डियूटी से गायब सीएचओ नेहा मलिक से फोन के माध्यम से जानकारी लेना चाहा तो सीएचओ ने मीडिया के फोन को रिसीव नहीं किया ।
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