
आशाओं की पांच दिवसीय हड़ताल का गोविंदपुर प्रखंड में असर, कामकाज ठप
नवादा, गोविंदपुर से संवाददाता
बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ (गोप गुट – AICCTU) के आह्वान पर प्रदेशभर की आशा और आशा फैसिलिटेटर 20 मई से पांच दिवसीय हड़ताल पर चली गई हैं। नवादा जिले के गोविंदपुर प्रखंड की सभी आशा कार्यकर्ताओं ने भी इस हड़ताल में शामिल होकर स्वास्थ्य सेवाओं को ठप कर दिया है।
आशा कार्यकर्ताओं की प्रमुख मांगों में न्यूनतम 21 हजार रुपये मासिक मानदेय की गारंटी, रिटायरमेंट की उम्र 65 वर्ष किए जाने, 10 लाख रुपये के रिटायरमेंट पैकेज और आजीवन पेंशन की व्यवस्था शामिल है। साथ ही, पूर्व में सरकार से हुए समझौतों को बढ़ी हुई राशि के साथ तत्काल लागू करने की भी मांग की जा रही है।
हड़ताल के चलते प्रखंड क्षेत्र में टीकाकरण, प्रसव पूर्व देखभाल, मातृ-शिशु स्वास्थ्य सेवाएं, नवजात परीक्षण और स्वास्थ्य सर्वेक्षण जैसे कार्य पूरी तरह से प्रभावित हो गए हैं।
हड़ताल में शामिल आशा कार्यकर्ताओं का कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, तब तक वे काम पर वापस नहीं लौटेंगी। उन्होंने सरकार से मांग की है कि वे आशा कार्यकर्ताओं के योगदान को मान्यता देते हुए उनके भविष्य की सुरक्षा सुनिश्चित करें।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने भी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। हालांकि, अब तक प्रशासन की ओर से किसी तरह की वार्ता या आश्वासन की सूचना सामने नहीं आई है।
इस हड़ताल से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं पर खासा असर देखा जा रहा है।