
सोनभद्र। जनपद में बाल भिक्षा वृत्ति एवं सड़क के किनारे कूड़ा – करकट बटोरने वाले बच्चों के पुनर्वास के लिए चलाया रेस्क्यू अभियान चलाए जाने की अहम योजना को अमलीजामा पहनाए जाने को विकास भवन मे बाल कल्याण समिति कार्यालय कक्ष में हुआ चिंतन – मंथन ।
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष अखिल नारायण देव पाण्डेय की अध्यक्षता में जनपद स्तर पर बाल भिक्षा वृत्ति एवं सड़क के किनारे कूड़ा करकट उठाने वाले बच्चों के पुनर्वास एवं संरक्षण प्रदान करने के बाबत बनायी गयी कार्ययोजना।
जिला बाल संरक्षण इकाई से ओ० आर० डब्ल्यू ० शेषमणि दुबे ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 मे विषम परिस्थितियों में वाले बच्चों एवं बाल भिक्षावृत्ति मे लिप्त कुल चौदह नाबा बच्चों को मुक्त कराते हुए बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया। बताया कि समिति के आदेशानुसार सभी बच्चों को जिला बाल संरक्षण इकाई व मानव तस्करी रोधी इकाई टीम द्वारा उनके परिवार में पुनर्वासित करा दिया गया था। बकौल ओ० आर० डब्ल्यू० शेषमणि दुबे के जनपद में कुल 14 हाँट-स्पाट का चयन जिला बाल संरक्षण इकाई एवं चाइल्ड हेल्पलाइन यूनिट के संयुक्त टीम द्वारा करना बताया गया।
बाल कल्याण समिति के संयुक्त रूप से सदस्य अमरेश चन्द्र पाठक व रंजना चौबे द्वारा बताया गया कि माह मई एवं जून में बाल भिक्षा वृत्ति एवं सड़क के किनारे कूड़ा करकट, कबाड़ उठाने वाले बच्चों के पुनर्वास के लिए विशेष अभियान चलाया जायेगा जिसके लिये कार्ययोजना तैयार की जा रही हैं। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष अखिल नारायण देव पाण्डेय ने बताया कि यदि कहीं कभी बाल भिक्षा वृत्ति, बाल श्रम, बाल तस्करी, वाल विवाह संबंधित सूचना प्राप्त होती है तो तत्काल सूचना सम्बंधित थाने, बाल कल्याण समिति, मान तस्करी
इकाई, जिला बाल संरक्षण इकाई एवं चाईल्ड हेल्पलाइन टोल
नम्बर 1098 पर संसूचित करें।