
सोनहत (कोरिया): जिले की जनपद पंचायत सोनहत में सप्ताहिक बजार बैठक में व्यापारियों से सुविधा शुल्क (Bribe) लेने के आरोपों को जिला प्रशासन ने सही पाया है। इन आरोपों की पुष्टि होने के बाद, जिला प्रशासन ने पंचायत के विरुद्ध कार्यवाही के आदेश जारी कर दिए हैं।
*डेढ़ माह पहले के आदेश पर नहीं हुई कार्रवाई*
ग्रामीणों के हित में यह आदेश लगभग डेढ़ माह पहले जारी किया गया था, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से यह महत्वपूर्ण फाइल अभी तक संबंधित कार्यालय से निकलकर जनपद सीईओ (Janpad CEO) तक नहीं पहुंच सकी है।
*आरोप: सोनहत पंचायत पर बाजार व्यापारियों से अवैध रूप से सुविधा शुल्क लेने का आरोप था।*
*प्रशासनिक पुष्टि* जांच के बाद जिला प्रशासन ने आरोपों को सत्य पाया। जिला प्रशासन की जांच टीम ने पाया कि पंचायत ने अवैध रूप से सप्ताहिक बाजार में सुविधा शुल्क के नाम पर व्यापारियों से दो- दो हजार रुपए वसूली किए हैं जो नियम विरुद्ध है जबकि ऐसा करने से पहले जनपद पंचायत के सामान्य सभा बैठक में अनुमोदन आवश्यक होना चाहिए जो इन्होंने नहीं लिया है ।
*जारी आदेश* अनियमितता पाए जाने पर पंचायत के विरुद्ध कार्यवाही करने का आदेश जारी किया गया।
*वर्तमान स्थिति*: डेढ़ माह बीत जाने के बाद भी आदेश की फाइल जनपद सीईओ तक नहीं पहुंच पाई है, जिससे कार्यवाही रुकी हुई है। आखिर इसके पीछे कौन है मास्टर माइंड जो जिला से लेकर जनपद तक कर रहा फाइलों को जमींदोज
जनपद सीईओ ने कहा – “मुझे जानकारी नहीं”
मामले में हो रही देरी और आदेश के क्रियान्वयन पर जब जनपद सीईओ से संपर्क किया गया, तो उन्होंने चौंकाने वाला जवाब दिया। सीईओ ने कहा कि उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। संबंधित बाबू से फाइल को खोजने की बात कही और आवक जावक पंजी में भी उक्त आदेश को खंगाला गया परन्तु किसी प्रकार का कोई फाइल प्राप्त नहीं हुआ जबकि उक्त आदेश 16/09/2025 को जारी हो चुका था उनका यह बयान प्रशासनिक तंत्र में घोर लापरवाही और सुस्त कार्यशैली को दर्शाता है।
*सवाल: कार्यवाही के आदेश की फाइल क्यों दबी हुई है*
सीईओ का जवाब*”
मुझे ऐसे किसी आदेश की जानकारी नहीं है।”
यह स्थिति साफ इशारा करती है कि या तो जानबूझकर इस फाइल को दबाया गया है, या संबंधित विभाग में इतना बड़ा प्रशासनिक विलंब हुआ है कि जनहित का मामला डेढ़ माह तक अधिकारियों की नजरों से दूर रहा।
🔍 *जांच की मांग*
स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि न सिर्फ सोनहत पंचायत के विरुद्ध जारी आदेश पर तत्काल कार्यवाही की जाए, बल्कि इस बात की भी जांच हो कि जनहित से जुड़ी यह महत्वपूर्ण फाइल डेढ़ माह तक क्यों दबी रही और इसके लिए कौन जिम्मेदार है।





















