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दरभंगा एयरपोर्ट पर बड़ा फैसला! जिलाधिकारी ने दिए कड़े निर्देश

दरभंगा एयरपोर्ट के समग्र विकास पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में हुई बैठक में कनेक्टिविटी, सुरक्षा, यातायात और भूमि अधिग्रहण पर महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

दरभंगा, 02 दिसम्बर 2025 — दरभंगा हवाई अड्डा आज उत्तर बिहार की पहचान बन चुका है। इसकी चौतरफा प्रगति न केवल क्षेत्रीय संपर्क को सुदृढ़ करेगी, बल्कि आर्थिक, औद्योगिक और पर्यटन विकास को भी नई गति देगी। इसी कड़ी में जिलाधिकारी श्री कौशल कुमार की अध्यक्षता में एयरपोर्ट निदेशक कार्यालय कक्ष में आज समीक्षात्मक बैठक आयोजित हुई, जिसमें हवाई अड्डे के समग्र विकास से जुड़े अहम मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गई और संबंधित विभागों को स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए गए।

बैठक में सड़क कनेक्टिविटी, सुरक्षा व्यवस्था, यातायात प्रबंधन, भूमि अधिग्रहण और एप्रॉन निर्माण के लिए वृक्षों के सुरक्षित स्थानांतरण जैसे आवश्यक बिंदुओं की प्रगति की समीक्षा की गई। जिलाधिकारी ने पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता को हवाई अड्डा तक सड़क को मजबूत और सुगम बनाने हेतु तत्काल डीपीआर तैयार करने के निर्देश देते हुए स्पष्ट किया कि किसी भी प्रकार की देरी स्वीकार्य नहीं होगी। साथ ही एयरपोर्ट से दिल्ली मोड़ तक बढ़ते जाम की समस्या पर चिंता व्यक्त करते हुए संबंधित अधिकारियों को अतिक्रमण हटाने और यातायात व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने का आदेश दिया गया।

एयरपोर्ट प्रवेश द्वार पर सुरक्षा बढ़ाने के उद्देश्य से लगाए गए सीसीटीवी कैमरों को पूर्णतः सक्रिय और कार्यशील रखने का निर्देश महत्वपूर्ण कदम है, जो यात्रियों की सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाएगा। वृक्षों के स्थानांतरण पर वन विभाग को वैज्ञानिक और सुरक्षित प्रक्रिया अपनाने के स्पष्ट निर्देश दिए गए, जिससे विकास कार्यों के साथ पर्यावरण संरक्षण भी सुनिश्चित हो सके।

दरभंगा एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप विकसित करने की दिशा में जिला प्रशासन का यह प्रयास सराहनीय है। निर्धारित समयसीमा के भीतर कार्य पूरा हो, यह न केवल प्रशासन की जवाबदेही है, बल्कि जनता की अपेक्षा भी है। बैठक में पदाधिकारियों की व्यापक उपस्थिति यह संदेश देती है कि अब विकास केवल कागजों पर नहीं, ज़मीन पर दिखने वाला परिवर्तन होगा।

दरभंगा के लिए यह समय ऐतिहासिक है — हवाई अड्डा केवल यात्रा का साधन नहीं, बल्कि उत्तर बिहार की नई आर्थिक धुरी बनने की क्षमता रखता है। प्रशासनिक इच्छाशक्ति, जनसहयोग और पारदर्शी कार्यशैली मिलकर इस लक्ष्य को अवश्य पूरा करेगी।

Sitesh Choudhary

समंदर हूँ, तू शौक से मोती तलाश मुझमें, कुछ भी नहीं रखता, सब किनारे लगा देता हूँ।चढ़ते हुए सूरज की परस्तिश नहीं करता, लेकिन, गिरती हुई दीवारों का हमदर्द हूँ।
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