
नीमच। यशवंतसिह दायमा@विशेष न्यायाधीश (एनडीपीएस एक्ट) जितेंद्रकुमार बाजोलिया द्वारा शनिवार को बहुचर्चित कुख्यात तस्कर जयकुमार उर्फ बाबू सिंधी प्रकरण में फैसला सुना दिया। हर वर्ग की निगाहें कोर्ट के फैसले पर टिकी हुई थी, क्योंकि जिला मुख्यालय पर ही 25 हजार किलोग्राम मादक पदार्थ जब्ती का मामला पहली बार देखा गया। इस प्रकरण में फैसला भी आश्चर्यजनक आया है। सीबीएन सहित कई जानकार कयास लगा रहे थे कि कुख्यात तस्कर बाबू सिंधी को 20 साल की सजा होगी, क्योंकि नीमच जिले में अधिकांश एनडीपीएस एक्ट के प्रकरण में अधिकतम सजा 20 साल तक हुई है। बाबू सिंधी का प्रकरण इसलिए बडा बताया जा रहा है कि क्योंकि मादक पदार्थ जब्ती की मात्रा भारी संख्या में थी, 25 टन अफीम कालादाना, धोलापाली और डोडाचूरा था। इस फैसले को सुनकर हर कोई आश्चर्य में पड गया। क्योंकि कुख्यात तस्कर बाबू सिंधी, उसके साथी अनुराग ऐरन और राजेंद्र शर्मा को 15—15 साल की सजा सुनाई गई है। इन्हें बीस साल की सजा दिए जाने का अनुमान लगाया जा रहा था, यह अनुमान फेल साबित हुआ। हालांकि यह मामला कोर्ट का है, लेकिन फैसले को सुनकर हर कोई आश्चर्य में पड गया। इस प्रकरण में साक्ष्य के अभाव में अभियुक्त अशोक डांगी, सौरभ कोचटटा, प्रकाश उर्फ गोलू मोटवारी, पंकज कुमावत, कैलाश गादिया को दोषमुक्त कर दिया है।
नीमच के इतिहास में कम सजा दिए जाने के इतिहास में भी दर्ज हुआ प्रकरण— एनडीपीएस एक्ट के मामलें के मादक पदार्थ की अधिक मात्रा होने के बाद भी 15 साल की सजा का मामला नीमच के इतिहास में दर्ज हो गया है। विशेष न्यायाधीश (एनडीपीएस एक्ट) जितेंद्रकुमार बाजोलिया ने यह फैसला सुनाया है। फैसले के बाद नीमच में जिन्हें सजा हुई उस पक्ष में मायूसी देखी गई, वहीं दूसरी और जो दोषमुक्त हुए है, वे गदगद हो गए है।