
कुशीनगर । तमकुहीराज तहसील के चिंतामणि गडहिया में लैंड जिहाद का एक और बड़ा खुलासा सामने आया है। सरकारी ज़मीन पर अवैध मस्जिद और ईदगाह का निर्माण कर कब्जा जमाए बैठे मुस्लिम पक्षकारों ने अब खुद ही मस्जिद पर हथौड़ा चला दिया है। यह घटनाक्रम योगी सरकार की बुलडोजर नीति और कानून के भय का साफ़ संकेत है, जो जिहादी मंसूबों पर बड़ा प्रहार माना जा रहा है।
क्या है लैंड जिहाद
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ड जिहाद एक सुनियोजित साजिश है, जिसके तहत सरकारी, गैर-मुस्लिम या सार्वजनिक भूमि पर मस्जिद/ईदगाह/दरगाह जैसे ढांचे खड़े कर धीरे-धीरे उस ज़मीन पर धार्मिक कब्जा कर लिया जाता है।
गडहिया मस्जिद उसी लैंड जिहाद की एक मिसाल बन चुकी थी, जिसे अब योगी सरकार के दबाव में ढहाया जा रहा है।
सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण, वर्षों से था कब्जा:
स्थानीय ग्रामीणों और हिंदू संगठनों ने सालों पहले इस अवैध निर्माण की शिकायतें प्रशासन को सौंपी थीं, लेकिन पूर्ववर्ती सरकारों में कोई सुनवाई नहीं हुई।
अब जब योगी सरकार ने सरकारी ज़मीन पर अवैध कब्जों को ध्वस्त करने की खुली चेतावनी दी है, तब जाकर मुस्लिम पक्ष को पीछे हटना पड़ा।
बिना आदेश खुद ही ढहाई मस्जिद – बुलडोजर का डर या सच की हार?
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार,
जैसे ही भूमि रिकार्ड की जांच शुरू हुई, मस्जिद के अवैध निर्माण की पुष्टि हुई।
प्रशासनिक कार्रवाई से पहले ही मुस्लिम पक्षकारों ने मजदूर बुलाकर खुद मस्जिद को गिरवाना शुरू कर दिया।
कोई आदेश, नोटिस या ज़बरदस्ती नहीं, सिर्फ बुलडोजर की आहट ही काफी साबित हुई।
हिंदू संगठनों की प्रतिक्रिया – यह लैंड जिहाद की हार है!
राष्ट्रीय बजरंग दल, विहिप, सनातन सेना व अन्य संगठनों ने इसे लैंड जिहादियों की पहली बड़ी पराजय बताया है।
“आज एक मस्जिद टूटी नहीं, बल्कि एक सोच टूटी है – जो धर्म के नाम पर देश की ज़मीन हड़पना चाहती थी।”
ग्रामीणों का कहना है कि:
“सिर्फ मस्जिद गिराना काफी नहीं। वर्षों तक अवैध कब्जा करने वाले लैंड जिहादियों के खिलाफ राजस्व व फौजदारी धाराओं में मुकदमा दर्ज हो और उन्हें जेल भेजा जाए।”
गडहिया मस्जिद का ढहना एक चेतावनी है उन सबके लिए जो ‘लैंड जिहाद’ की राह पर चल रहे हैं।
योगी सरकार के बुलडोजर की गर्जना ने अब ज़मीन कब्जा करने वालों की नींद उड़ा दी है।