A2Z सभी खबर सभी जिले कीअन्य खबरेताज़ा खबरदेशराजस्थानसबसे हाल की खबरेंसमाचारसिकरस्थानीय समाचार

शहीदों के गांव में नम आंखों से बहनों ने बांधी शहीद प्रतिमा को राखी

 

फतेहपुर/सीकर. जिले के फतेहपुर क्षेत्र का गांव दीनवा लाड़खानी वह गांव है जो शहीदों का गांव कहलाता है। गांव में पहुंचते ही आपको देश प्रेम की असली तस्वीर दिखाई देगी। छोटे से दिखने वाले इस गांव से अब तक 500 से अधिक देश प्रेमी भारतीय सेना से रिटायरमेंट हो चुके हैं और कुछ अभी भी सेवाएं दे रहे हैं। रक्षाबंधन के त्योहार पर इस गांव में भावुकता का माहौल हो जाता है। जहां हर घर परिवार में हंसते-हंसते एक भाई की कलाई पर एक बहन राखी बांधती है तो वहीं इस गांव में सैकड़ो किलोमीटर अपने ससुराल से अपने गांव अपने भाइयों की शहीद प्रतिमाओं पर राखी बांधने के लिए बहन शहीद स्मारक पहुंचकर कलाई पर राखी बांधती है।

800 किलोमीटर अहमदाबाद से भाई को राखी बांधने पहुंचती है उषा कंवर

रक्षाबंधन के त्यौहार पर शहीद धर्मवीर सिंह शेखावत की बहन उषा कंवर हर साल गुजरात के अहमदाबाद से अपने शहीद भाई की प्रतिमा को राखी बांधने के लिए गांव दिनवा लाड़खानी पहुंचती है। उषा कंवर ने बताया कि वह जब भी भाई की प्रतिमा को राखी बांधती है तो उनकी आंखें नम हो जाती है लेकिन दूसरे ही पल गर्व का एहसास होता है कि हमारे शहीद भाई ने न जाने कितने लोगों की जान बचाई है जो आज अपनी बहनों से राखी बंधवा रहे हैं। मेरा भाई जब सेना में था तो वह कहता था कि मेरे दोस्तों में सबसे पहले मेरी राखी आनी चाहिए जिसके लिए मैं 1 महीने पहले ही तैयारी करती थी और मेरा भाई 12 महीने तक उस राखी को अपनी कलाई पर बांधकर रखता था। मेरे भाई ने मेरे हर सपने पूरे किए मेरा शहीद भाई आज भी मेरे लिए जिंदा है।

उषा कंवर ने बताया कि मेरा भाई धर्मवीर सिंह का सपना था कि वह मेरी शादी करवाए मुझे डोली में विदा करें लेकिन वह इससे पहले ही 2005 में जम्मू कश्मीर के लाल चौक इलाके में हुए आतंकी हमले में शहीद हो गया जिसके बाद मेरा वह सपना सपना ही रह गया लेकिन मेरे सपने के लिए मेरे भाई ने न जाने कितने बहनों के सपने साकार किए हैं।

शहीद मुखराम बुडानिया की बहनें भी भाई को बांधती राखी

गांव के मुख्य चौक पर ही एक और शहीद प्रतिमा शहीद मुखराम बुडानिया की लगी हुई है जहां हर साल शहीद मुखराम बुडानिया की बहन और बेटी सोनू बुडानिया शहीद प्रतिमा को रक्षा सूत्र प्रतिवर्ष बांधकर अपने भाई को याद करती है।

शहीद सूरजभान बुडानिया की बहनें भी बांधती राखी

गांव के चौक मे तीसरी शहीद प्रतिमा शहीद सूरजभान बुडानिया की है जिसकी प्रतिमा को रक्षा सूत्र बांधने के लिए हर साल उनकी बहन सीता और ममता गांव दीनवा लाडखानी पहुंचती है। शहीद मुखराम बुडानिया जम्मू कश्मीर के राजौरी सेक्टर में अपनी सेवाएं दे रहे थे। 23 अप्रैल 2002 को आतंकवादियों से लोहा लेते हुए वह वीरगति को प्राप्त हुए जिनकी बहादुर के लिए सरकार ने उन्हें मरणोपरांत सेना मेडल से भी सम्मानित किया था।

इस गांव से वर्तमान में भारत की तीनों सेवा में 250 से अधिक जवान सेवा में कार्य रहता है वहीं 200 से अधिक ऐसे जवान है जो सेवा में अपनी सेवाएं देकर सेवानिवृत हो चुके हैं।

HARAT KUMAR

Harat Kumar Editor, Vande Bharat Bharat Live TV News
Back to top button
error: Content is protected !!