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*रेशम उत्पादन को बढ़ावा देने हेतु ‘सखी मंडल संवाद – रेशम’ कार्यक्रम का सफल आयोजन*

*रेशम उत्पादन को बढ़ावा देने हेतु ‘सखी मंडल संवाद - रेशम’ कार्यक्रम का सफल आयोजन*

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दुमका जिले के रामगढ़ प्रखंड के बिरसा रेशम धागा उत्पादक संघ, भातुडिया में आज ‘सखी मंडल संवाद – रेशम’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में दुमका के उप विकास आयुक्त (IAS) श्री अनिकेत सचान उपस्थित रहे। उनके साथ रामगढ़ प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी, JSLPS टीम और सखी मंडल की दीदियां शामिल हुईं।

इस संवाद कार्यक्रम का उद्देश्य रेशम उत्पादन को बढ़ावा देना, सखी मंडल की आजीविका को सुदृढ़ करना और CFC (कॉमन फैसिलिटेशन सेंटर) के कार्यों को और प्रभावी बनाना था। कार्यक्रम के दौरान उप विकास आयुक्त महोदय ने CFC की पूरी प्रक्रिया का विस्तारपूर्वक अवलोकन किया और रेशम धागा उत्पादन से संबंधित मुद्दों पर दीदियों के साथ चर्चा की। उन्होंने उनकी समस्याओं को सुना और आजीविका बढ़ाने के लिए उपयोगी सुझाव दिए। साथ ही, उन्होंने दीदियों के घर जाकर धागा कटाई मशीन से धागा निकालने की प्रक्रिया को देखा और इसे उत्पादन वृद्धि का सशक्त साधन बताया।

कार्यक्रम में JSLPS के जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री निशांत एक्का ने रेशम उत्पादन के उद्देश्य और इसके आर्थिक महत्व पर जानकारी साझा की। इस अवसर पर जिला आजीविका प्रबंधक श्री दिवाकर मंडल, प्रखंड कार्यक्रम प्रबंधक श्री प्रदीप रजक, कमल किशोर, शमशेर सिंह, अनिल, IPRP टेरेसा तथा नए चयनित दीदियां भी उपस्थित रहीं।

चर्चा के दौरान कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विचार-विमर्श हुआ, जिनमें रीलिंग की गुणवत्ता सुधारने के उपाय, कौशल उन्नयन हेतु प्रशिक्षण की आवश्यकता, CFC को विपणन सहयोग और धागे की बिक्री के लिए नए संभावित खरीदारों की पहचान शामिल रहे। इसके अलावा, निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए विद्युत कनेक्शन में सुधार, कोकून की धुलाई एवं उबाल के लिए गुणवत्तापूर्ण पानी की उपलब्धता, नए लाभुकों की पहचान कर ग्रामीण महिलाओं के लिए गृह-आधारित आजीविका अवसरों का विस्तार और एक CFC में 30 रीलर एवं 10 स्पिनर के साथ नया क्लस्टर बनाने की योजना पर भी चर्चा हुई।

यह पहल महिलाओं को तकनीकी ज्ञान प्रदान करने, विपणन के नए अवसर उपलब्ध कराने और रेशम उत्पादन के माध्यम से सतत आजीविका सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।

 

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