
बिजना ग्राम पंचायत के पात्र हितग्राहियों को नहीं मिल रहा प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ
कमलेश गोंड – सिवनी जिले के छापारा विकास खण्ड अन्तर्गत ग्राम पंचायत बिजना के गांव के लगभग दो दर्जन परिवार छप्पर या प्लास्टिक डालकर गुजर बसर कर रहे हैं। परिवार के पालन पोषण के लिए मजदूरी ही सहारा है। उसमें आवास बनवाने की बात सोच पाना भी बेमानी है। इन बेबस ग्रामीणों ने गांव से लेकर ब्लाक तक अधिकारियों की चौखट पर गुहार लगाई। लेकिन इन लोगों की समस्या पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। वैसे तो मोदी सरकार ने इसी उम्मीद के साथ प्रधानमंत्री आवास योजना शुरू की थी कि 2022 तक प्रत्येक गरीब व पात्र व्यक्ति के रहने के लिए पक्का आशियाना हो, वहीं गरीब भी यहीं उम्मीद लगाए बैठें हैं कि उन्हें रहने के लिए सिर पर पक्की छत मिलेगीं लेकिन ग्राम पंचायत बिजना में आवास योजना की सूची में गरीबों के लिये जगह नहीं हैं पंचायत कर्मी मुँह देख सर्वे कर अपने सगे परिजनों का आवास स्वीकृति करा रहे हैं तो कहीं अपूर्ण मकान को पूर्ण बताकर प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि निकाल ली जा रही हैं ग्रामीणों का कहना हैं पंचायत में लगातार भृष्टाचार हो रहे हैं वही पंचायत का दरवाजा बंद रहता हैं हितग्राही अपने किसी भी कार्य करवाने इधर उधर भटक रहे हैं, प्रधानमंत्री आवास योजना में उनका नाम नहीं जोड़ा जा रहा हैं गरीबों के पास पक्का घर न रहने से बारिश के दिनों में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। आवास पाने के लिए कई बार ब्लांक मुख्यालय पर चक्कर लगाया गया लेकिन अब तक सिर्फ आश्वासन ही नजर आया | गरीबों का हक छीन कर पंचायत में पदस्थ सचिव व रोजगार सहायक सचिव अपने परिजनों के साथ गांव के धन्नासेठो के लिये आवास की व्यवस्था कर प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाने में मदद कर रहे हैं जिससे गांव के जरूरत मंद पात्र गरीब हितग्राही सिर्फ प्रधानमंत्री आवास योजना के लिये सपने देख रहे हैं
हर साल आने वाली आवास योजना गरीबों के लिए बेमानी साबित हो रही है। हर बार लिस्ट जारी होने पर उनका नाम गायब है जिन्हें वास्तव में योजना का लाभ मिलना चाहिए – सतेंद्र मरकाम