
भोजपुरी लोक के नायक राम से संवाद करती हैं दिवाकर पांडेय की रचनाएं
आरा। स्नातकोत्तर भोजपुरी विभागाध्यक्ष प्रो दिवाकर पांडेय की दो पुस्तकों भोजपुरी रामगीतों के संग्रह ‘ भोजपुरी रामगीत ‘ और निबंध संग्रह ‘ चिंतन – अनुचिंतन ‘ का विमोचन नई दिल्ली में चल रहे विश्व पुस्तक मेले में सर्व भाषा प्रकाशन के स्टॉल पर हुआ। विमोचन समारोह को संबोधित करते हुए चर्चित भोजपुरी साहित्यकार जयशंकर प्रसाद द्विवेदी ने कहा कि भोजपुरी लोक के नायक राम से जुड़े गीत हर भोजपुरिया के कंठ में समाए हुए हैं और प्रो पांडेय का यह संग्रह लोकनायक राम से पाठकों का सीधा संवाद करवाता है। शोधछात्र राजेश कुमार और यशवंत कुमार सिंह ने दोनों पुस्तकों की महत्ता पर प्रकाश डाला। मैथिली भोजपुरी अकादमी, दिल्ली सरकार के पूर्व सदस्य रवि प्रकाश सूरज ने कहा कि दोनों पुस्तकें अकादमिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं और प्रासंगिक हैं। सर्व भाषा प्रकाशन के व्यवस्थापक और साहित्यकार केशव मोहन पांडेय ने कहा कि निबंध संग्रह के सभी निबंध बेहद सरल भाषा में जरूरी बातों को रेखांकित करते हैं। मौके पर उपस्थित प्रो दिवाकर पांडेय की सुपुत्री दीपिका पांडेय ने प्रो पांडेय के व्यक्तित्व के पहलुओं पर प्रकाश डाला। समारोह का संचालन लेखिका आकृति विज्ञ अर्पण ने किया।