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मंदिर में पूजा करने से रोका गया राजवीर जाटव: जातिगत भेदभाव और पुलिस बर्बरता का शिकार

भीम आर्मी एकता मिशन ने एसपी मुरैना को आवेदन सौंपा, राजवीर जाटव के साथ हुई मारपीट पर कड़ी कार्रवाई की मांग

पोरसा। मुरैना जिले के पोरसा नगर में एक गंभीर और दुखद घटना घटित हुई है, जिसमें एक व्यक्ति, राजवीर जाटव, को केवल उसकी जाति के कारण मंदिर में पूजा करने से रोका गया और बाद में पुलिस द्वारा बर्बरता से पीटा गया। इस घटना के बाद भीम आर्मी एकता मिशन के पोर्सा संयोजक, राहुल जाटव ने मुरैना पुलिस अधीक्षक को 5 फरवरी 2025 को एक आवेदन सौंपा, जिसमें उन्होंने इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

आवेदन में वर्णन किया गया है कि 4 फरवरी 2025 को राजवीर जाटव, जो रामनगर पोरसा के निवासी हैं, पूजा करने के उद्देश्य से मंदिर गए थे। लेकिन मंदिर के पुजारी ने उन्हें केवल उनकी जाति के आधार पर पूजा करने से रोक दिया। पुजारी ने उन पर झूठे आरोप लगाए और फिर मारपीट की। इसके बाद, राजवीर को पुलिस के पास ले जाया गया, जहां थाने में थाना प्रभारी दुर्गेश भदौरिया, सिपाही उपेंद्र भदौरिया और नीरज तोमर द्वारा बेरहमी से उनकी पिटाई की गई। इस हमले में राजवीर के मुंह, जबड़े और गर्दन में गंभीर चोटें आईं।

राजवीर की हालत नाजुक होने के कारण उन्हें तुरंत ग्वालियर के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया। वर्तमान में उनकी स्थिति काफी गंभीर है और वह जीवन और मृत्यु के बीच संघर्ष कर रहे हैं।

भीम आर्मी एकता मिशन ने इस गंभीर मामले में पुलिस अधीक्षक से निवेदन किया है कि आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके। उन्होंने कहा कि इस घटना से जातिगत भेदभाव और पुलिस की बर्बरता का खुलासा होता है, और इस प्रकार के कृत्यों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाने चाहिए।

संगठन ने यह भी स्पष्ट किया कि समाज में समानता और न्याय की स्थापना के लिए इस प्रकार की घटनाओं पर कड़ी निगरानी रखी जानी चाहिए, ताकि भविष्य में किसी भी व्यक्ति को जातिगत भेदभाव या पुलिस क्रूरता का शिकार न होना पड़े।

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