
फिल्म केवल मनोरंजन का माध्यम नहीं, बल्कि समाज की संवेदनाओं, विचारों और आत्मा का आईना होती है। प्रो. डॉ. संजय झा द्वारा निर्देशित फीचर फिल्म “ABHIVYAKTI: Finding Their Voice” इसी उद्देश्य को साकार करती है। यह फिल्म उन अनसुने और दबे हुए स्वरों को सामने लाती है, जिन्हें समाज अक्सर अनदेखा कर देता है। यह केवल रचनात्मकता का उत्कृष्ट उदाहरण नहीं है, बल्कि सामाजिक चेतना और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर एक गहरा संवाद भी प्रस्तुत करती है।
7 दिसंबर को दरभंगा स्थित किलकारी में आयोजित विशेष स्क्रीनिंग केवल फिल्म का प्रदर्शन नहीं, बल्कि रचनात्मक संघर्ष, समर्पण और सामूहिक उपलब्धि का उत्सव था। यह आयोजन उन सभी कलाकारों, तकनीशियनों और समर्थकों का सम्मान है, जिनके अथक प्रयासों ने इस फिल्म को जीवन दिया।
“ABHIVYAKTI” दर्शकों को सोचने पर मजबूर करती है कि हर आवाज़ मायने रखती है और हर अभिव्यक्ति महत्वपूर्ण है। इस ऐतिहासिक रचनात्मक अवसर पर अनेक गणमान्य, किलकारी के सदस्य और बच्चे उपस्थित थे, जिन्होंने समारोह को और भी यादगार बनाया।
यह विशेष क्षण समाज और कला के लिए गर्व का प्रतीक है। इस उपलब्धि का भागीदार बनना किसी भी संवेदनशील नागरिक के लिए सम्मान की बात है।






















