महाराष्ट्र राज्य मराठी बनाम गैर-मराठी विवाद फिर गरमाया, अब राज ठाकरे के बेटे ने सीएम फडणवीस से कर दी यह बड़ी मांग
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे के बाद अब उनके बेटे अमित ठाकरे भी मराठी भाषा के समर्थन में सामने आए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर महाराष्ट्र के सभी स्कूलों और कॉलेजों के नाम मराठी भाषा में मुख्यद्वार पर अनिवार्य रूप से लिखने की मांग की है।
मीनाक्षी विजय कुमार भारद्वाज/मुंबई महाराष्ट्र राज्य मराठी बनाम गैर-मराठी विवाद फिर गरमाया, अब राज ठाकरे के बेटे ने सीएम फडणवीस से कर दी यह बड़ी मांगमुंबई/महाराष्ट्र: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे के बाद अब उनके बेटे अमित ठाकरे भी मराठी भाषा के समर्थन में सामने आए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर महाराष्ट्र के सभी स्कूलों और कॉलेजों के नाम मराठी भाषा में मुख्यद्वार पर अनिवार्य रूप से लिखने की मांग की है।अमित ठाकरे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, स्कूल शिक्षा मंत्री दादा भुसे और उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटील समेत अन्य अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा है। इसमें उन्होंने कहा है कि मराठी भाषा को अभिजात भाषा का दर्जा मिला है, ऐसे में अब समय आ गया है कि सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठाएं।ज्ञापन में अमित ठाकरे ने यह भी उल्लेख किया है कि राज्यभर के सभी शैक्षणिक संस्थानों के नामपट मराठी में और उचित आकार में स्कूल और कॉलेजों के प्रवेश द्वार पर लगाए जाएं, ताकि मराठी भाषा को उसकी पहचान और सम्मान मिल सके।इससे पहले राज ठाकरे की मनसे कई पत्र लिखकर बैंक में, दुकानों पर और सरकारी संस्थानों पर मराठी भाषा का इस्तेमाल करने का आग्रह कर चुकी है। वहीं, मनसे के कई कार्यकर्ताओं ने लोगों की सिर्फ इसलिए पिटाई कर दी थी कि वे उत्तर भारत से आते हैं और उन्हें मराठी बोलनी नहीं आती।इसके वीडियो भी वायरल हुए थे, जो खुद मनसे सैनिकों ने किए थे।वहीं, राज ठाकरे ने मराठी भाषा के प्रमोट करने के लिए सरकार के सामने कुछ सुझाव रखने की बात कही थी. मंत्री उदय सामंत ने कहा था कि राज ठाकरे के पास अच्छे सुझाव हैं, उन पर चर्चा की जा सकती है।जब बैंक कर्मचारी यूनियन ने इस मामले की शिकायत सरकार से की, तो सीएम देवेंद्र फडणवीस ने दावा किया था कि पुलिस उन लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी जो कानून को अपने हाथ में ले रहे हैं।