

पथरगामा बना शराबियों का अभयारण
झारखंड/गोड्डा :
एक वक्त था जब लोग दूध, दही और रसगुल्ला के लिए पथरगामा आते थे, क्योंकि यहां से बेहतर कहीं मिलता ही नहीं था, पर अब मामला दूसरा हो गया है, लोग शराब पीने के लिए खासकर महुआ शराब पीने के लिए यहां आते हैं। बिहार में शराबबंदी के बाद वहां के रईसजादों का यह सुरक्षित जगह बन गया है। जब भी उन लोगों का खाने पीने का मूड होता है तो बस एक बकरा का व्यवस्था किया और चले आए योगनी स्थान। उनको पूजा पाठ से कोइ खास मतलब नहीं होता है। यह बकरा उनके लिए शराब के साथ खाने के काम आता है। बकरे की बलि देते समय अगर बकरे की गर्दन ज्यादा कट गई तो बलि देने वाले लड़ाई पर उतर जाते हैं। मां योगिनी स्थान के ठीक पहले जगन्नाथपुर में कई दुकानें हैं महुआ शराब की। पथरगामा चौक पहुंचने के ठीक पहले बंद पड़े अभय नर्सरी और फिर अमडीहा मोड़ के समीप चौक पर दो-दो महुआ शराब दुकान है जो नाश्ता और अंडा दुकान की आड़ में चलाया जा रहा है। पथरगामा के अंग्रेजी शराब दुकान के ठीक बगल में एक अघोषित बीयर बार है। अंग्रेजी शराब काउंटर से लौटने के क्रम में शिवम पेट्रोल पंप के पहले नाश्ता दुकान की आड़ में पंप के दो दुकान बाद एक छोटे-मोटे परचून दुकान में अघोषित बीयर बार खास लोगों के लिए चलाए जा रहा है। चिलकारा का फुटानी हाट हो या फिर चौबे बगीचा अथवा मां सुंदर लाइन होटल के समीप का भी यही आलम है।
पथरगामा चौक की तो बात ही निराली है, यहां रात और दिन में कोई अंतर नहीं आता है। आबकारी विभाग और पुलिस प्रशासन किस ओर से नज़रें फेर हुए हैं पता नहीं क्यों? हैरत की बात यह है की ठीक थाना के सामने महुआ शराब मंडी लगती है। पथरगामा चौक पर खुलेआम नाश्ता दुकान की आड़ में महुआ शराब बेचा जा रही है। वही एक व्यक्ति इसकी होम डिलीवरी कर रहा है तीसरा हटिया चौक पर बहुत बड़ा शराब का कारोबारी है। हैरत की बात यह है कि आबकारी विभाग को और पथरगामा थाना प्रभारी को कई बार मोबाइल पर सूचना दी गई है परंतु कार्यवाही नगण्य है। जबकि चौक पर देशी शराब बेचे जाने से आम लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं थाना प्रभारी का कहना है मैं इस बारे में पता कर रहा हूं।