
बलिया, उत्तर प्रदेश:
उत्तर प्रदेश और दिल्ली में सक्रिय ‘तोनी अर्बन मल्टीस्टेट क्रेडिट एंड थ्रिफ्ट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड’ द्वारा बड़े पैमाने पर निवेशकों से धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है। यह संस्था मल्टीस्टेट क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी एक्ट 2002 के तहत कार्यरत थी और लाखों लोगों ने इसमें अपनी जीवनभर की कमाई निवेश की थी।
इस संस्था ने ISO 9001:2015 प्रमाणित होने और अन्य पंजीकरण जैसे GST (09AACTT6290P1ZL) तथा रजिस्ट्रेशन संख्या MSCSCR6392012 का हवाला देकर निवेशकों को विश्वास दिलाया कि उनका पैसा पूरी तरह सुरक्षित है। प्रारंभ में एफडी और आरडी योजनाओं के तहत अच्छे रिटर्न का लालच दिया गया, जिससे मजदूर, किसान, व्यापारी, महिलाएं, रिटायर्ड कर्मचारी, यहां तक कि शादी के लिए पैसे जमा कर रहे लोग भी निवेश कर बैठे।
मार्च 2024 से यह धोखाधड़ी उजागर होने लगी जब सोसाइटी ने परिपक्व हो चुकी राशि का भुगतान बंद कर दिया और निवेशकों को “सिस्टम अपडेटेशन” का बहाना देकर टालमटोल किया जाने लगा। एजेंटों पर अनर्गल धन वसूली और शोषण के आरोप लगे। जवाब मांगने पर निवेशकों को अनदेखा किया गया और फिर सोसाइटी के प्रमुख अधिकारी फरार हो गए।
सूत्रों के अनुसार, इस मामले में नरेंद्र नेगी, समीर अग्रवाल, पंकज अग्रवाल, परिक्षित पारसे, आर. के. शेट्टी, राजेश टेगोर, शब्बाब हुसैन रिजवी, संजय मुद्गल जैसे नाम सामने आ रहे हैं। इन सभी पर सोसाइटी को संगठित रूप से धोखाधड़ी के लिए चलाने का आरोप है। इसके अलावा, अभिनेता श्रेयस तलपड़े और आलोक नाथ जैसे चेहरों ने ब्रांड एंबेसडर बनकर जनता का विश्वास जीता।
स्थिति इतनी भयावह हो चुकी है कि कई एजेंट आत्महत्या तक कर चुके हैं। निवेशकों की मेहनत की कमाई हड़पने से वे आर्थिक और मानसिक रूप से टूट चुके हैं।
जन अपील और कार्रवाई की मांग:
पीड़ित निवेशक अजय प्रसाद (पता: रामपुर तितीही बसारिकापुर,जिला बलिया;उत्तर प्रदेश) तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से तत्काल हस्तक्षेप कर सख्त कानूनी कार्रवाई और निवेशकों की राशि की वापसी सुनिश्चित करने की मांग की है। साथ ही, इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए कठोर नियम एवं नीतियाँ बनाने की अपील की गई है।
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